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बीसलपुर का रोजाना एक सेमी की रफ्तार से घट रहा गेज, अब सितम्बर में बांध छलकने की आस

बीसलपुर बांध बनने के बाद से हर बार अगस्त माह में छलकने के कारण इस बार अगस्त माह गुजरने के कारण बांध के छलकने की आस भी अधूरी रहती नजर आने लगी है। अगस्त माह समाप्ति की ओर है। वहीं मानसून अभी कोसों दूर नजर आने लगा है।  

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बीसलपुर का रोजाना एक सेमी की रफ्तार से घट रहा गेज, अब सितम्बर में बांध छलकने की आस

बीसलपुर का रोजाना एक सेमी की रफ्तार से घट रहा गेज, अब सितम्बर में बांध छलकने की आस

राजमहल. बीसलपुर बांध बनने के बाद से हर बार अगस्त माह में छलकने के कारण इस बार अगस्त माह गुजरने के कारण बांध के छलकने की आस भी अधूरी रहती नजर आने लगी है। अगस्त माह समाप्ति की ओर है। वहीं मानसून अभी कोसों दूर नजर आने लगा है। वही बांध भरने में अभी 1.60 आर एल मीटर खाली है। ऐसे में अब बांध परियोजना ने भी इस बार बांध छलकने की आस लगभग छोड़ दी है।

इसी प्रकार बीसलपुर बांध की दायी व बायी मुख्य नहरों से ङ्क्षसचाई के लिए पानी छोडऩे का अन्तिम निर्णय राज्य सरकार करती है। मगर इस बार बांध का गेज डेढ़ मीटर से अधिक खाली रहने व बांध के पानी पर पहली प्राथमिकता पेयजल होने से नहरों पर ङ्क्षसचाई के संकट के बादल मंडरा सकते हैं।


त्रिवेणी: बारिश के अभाव में घटी आवक
गत 21अगस्त को बांध का गेज 313.96 आर एल मीटर दर्ज किया गया था। जिसमें 28.012 टीएमसी का जलभराव था। जो सोमवार सुबह तक 6 सेमी घटकर 313.90 आर एल मीटर पर पहुंच गया है। जिसमें 27.598 टीएमसी का जलभराव रह गया है। वहीं जलभराव में सहायक भीलवाड़ा जिले के बिगोद स्थित त्रिवेणी का गेज भी बारिश के अभाव में लगातार घटकर 2.40 मीटर रह गया है।


ङ्क्षसचाई के लिए 8 टीएमसी पानी आरक्षित
बांध परियोजना के अनुसार बांध से प्रति वर्ष पेयजल के लिए 16.02 टीएमसी व ङ्क्षसचाई के लिए कुल 8 टीएमसी पानी आरक्षित रखा गया है। शेष पानी वाष्पीकरण व अन्य खर्च में माना गया है। इसी प्रकार पिछले एक सप्ताह से मानसून के अभाव में बांध में पानी की आवक बंद होने व जलापूर्ति व वाष्पीकरण में रोजाना एक सेमी पानी की कमी दर्ज होने लगी है।

कब-कब छलका बांध

बीसलपुर बांध बनने से लेकर अब तक छह मर्तबा पूर्ण जलभराव होकर छलक चुका है। वही हर बार अधिकांशतया छलकने में एक वर्ष का अंतराल भी रहा है। बांध के कंट्रोल रूम के अनुसार बांध बनने के बाद पहली बार अगस्त 2004, दूसरी बार अगस्त 2006, अगस्त 2014, 9 अगस्त 2016, 19 अगस्त 2019, 26 अगस्त 2022 को पूर्ण भराव होकर छलका है। इस बार मानसून की बेरूखी के चलते यह आस अधूरी रहती नजर आने लगी है।