28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सीबीईओ ने निरीक्षण किया विद्यालयों का निरीक्षण, शैक्षणिक व्यवस्थाओं सुधारने के दिए दिशा-निर्देश

Inspection of schools: देवली स्थित मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी ने पंचायत मुख्यालय के विद्यालयों का निरीक्षण कर शैक्षणिक व्यवस्थाओं सुधारने के निर्देश देने साथ संचालित योजनाओं की जानकारी ली।

2 min read
Google source verification

टोंक

image

Jalaluddin Khan

Nov 23, 2019

सीबीईओ ने निरीक्षण किया विद्यालयों का निरीक्षण, शैक्षणिक व्यवस्थाओं सुधारने के दिए दिशा-निर्देश

सीबीईओ ने निरीक्षण किया विद्यालयों का निरीक्षण, शैक्षणिक व्यवस्थाओं सुधारने के दिए दिशा-निर्देश

आवां. देवली स्थित मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी मोती लाल ठागरिया ने शुक्रवार को क्षेत्र की चांदसिंहपुरा, टोकरावास और घाड़ पंचायत मुख्यालय के विद्यालयों का निरीक्षण कर शैक्षणिक व्यवस्थाओं सुधारने के निर्देश देने साथ संचालित योजनाओं की जानकारी ली। इस दौरान सीबीईओ ने कीचन गार्डन की प्रगति और यूथ क्लब की गतिविधियों का अवलोकन कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

ठागरिया ने बताया विद्यालयों में शिक्षण, स्वच्छता, मिड डे मील सहित सभी 17 बिन्दुओं की धरातलीय जानकारी ली गई। इस दौरान चांदसिंहपुरा पंचायत मुख्यालय पर चल रहे एसडीएमसी एवं एसएमसी सदस्यों के संयुक्त दो दिवसीय प्रशिक्षण का भी अवलोकन कर नियमों की जानकारी दी गई है। टीम में एसीबीओ राजीव शर्मा और सन्दर्भ व्यक्ति अनिल बांगड़ भी मौजूद रहे।

नए निर्देश के साथ व्यय के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी

आवां- सरकारी विद्यालयों में शिक्षण में निखार लाने के लिए अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाने की कवायद जारी है। सामुदायिक बाल सभाओं को सशक्त और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए निर्देशों के साथ इन पर होने वाले व्यय के लिए विशेष बजट की स्वीकृति जारी की गई है।

स्कूल शिक्षा एवं राज. स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड ने इसके निर्देश जारी कर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक के लिए तीन हजार और प्रत्येक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के लिए एक हजार दो रुपए का बजट स्वीकृत किया है। इसके तहत प्रत्येक प्राथमिक एव उच्च प्राथमिक विद्यालय में 10 तथा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में 4 विशेष बाल सभाएं आयोजित की जानी है।

इन विद्यालयों को प्रति बाल सभा के खर्च के लिए 300 रुपए देने का वित्तीय प्रावधान होने के आदेश जारी किए गए हैं। विद्यालय मे बालकों के नामाकंन वृद्धि के साथ ठहराव की सुनिश्चिता, शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार,दबाव मुक्त शैक्षणिक वातावरण, सामुदायिक रूचि और सहयोग की भावना का निर्माण, सामाजिक सौहार्द एवं समन्वय मे वृद्धि के साथ अभिभावकों का सहयोग लेने के लिए बाल सभाओं पर फोकस किया जा रहा है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित प्रतिभावों व भामाशाहों को सम्मानित करने, अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाने की गतिविधियां भी नवीन कार्ययोजना में शामिल की गई है। क्रियाविधि, आयोजित की जाने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों और प्रतियोगिताओं की जानकारी उपलब्ध करवाने के साथ सीबीईओ, पीईईओऔर संस्था प्रधानों की ओर से निभाए जाने वाले दायित्वों की नियमावली जारी की गई है।

सम्बलन अधिकारियों की नियुक्ति कर इसे प्रभावी और सफल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार का मानना है कि इससे बालकों में सृजनात्मकता रचनात्मकता, अभिव्यक्ति, आलोचनात्मक चिन्तन करने के कौशल विकसित हो सकेगें। इधर, पीईईओ पंकज कुमार जैन और घासी लाल बलाई का कहना है कि विद्यार्थियों और अभिभावकों को लुभाने, जागरूकता लाने, विद्यालय परिवेश में इनकी भागीदारी बढ़ाने के साथ नामांकन वृद्धि एवं बालकों के ठहराव को सुनिश्चित किए जा रहे है।

शीघ्र राशि उपलब्ध करवाई जाएगी
बाल सभा आयोजन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रति विद्यालय स्वीकृत राशि का उपयोग आवश्यकतानुसार कोई उपकरण, अन्य सामग्री क्रय करने अथवा सत्र की अन्तिम बाल सभा को बालसभा स्तर पर आयोजित करने मे व्यय करने में करने के निर्देश दिए गए हैं। जारी की गई राशि शीघ्र ही विद्यालयों में उपलब्ध कराई जा रही है।
ओमप्रकाश तोसनीवाल
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, समसा टोंक