
डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने दी टोंक जिले को सौगात, पेयजल के लिए साढ़े चार करोड़ रूपए की राशी की जारी
टोंक. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Deputy CM Sachin Pilot) के निर्देशों की पालना में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) phed ने जिले में पेयजल Drinking water की विभिन्न समस्याओं के निस्तारण के लिए कार्य स्वीकृत किए हैं। पीएचईडी ने नए हैंडपम्प, नलकूप तथा नई पाइपलाइन के कार्यों के लिए लगभग 4 करोड़ 41 लाख रुपए के कार्यों को स्वीकृति दी है।
इन कार्यों के पूरा हो जाने के बाद टोंक शहर और जिले के विभिन्न स्थानों पर पेयजल उपलब्ध होने से आमजन को राहत मिलेगी।
टोंक tonk जिले में पीएचईडी ने 54 नए हैंडपम्पों के लिए 6 1 लाख 6 2 हजार रुपए, 35 नए नलकूपों के निर्माण के लिए 3 करोड़ 6 6 लाख 42 हजार तथा 4 किलोमीटर लम्बी नई पाइप लाइन के लिए 13 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है।
पायलट Sachin Pilot को टोंक शहर में गत पखवाड़े में जनसुनवाई public hearing के दौरान स्थानीय लोगों ने पेयजल की समस्या से अवगत कराया था। इसके बाद पायलट ने विभागीय अधिकारियों को उक्त समस्याओं के निस्तारण के निर्देश दिए थे।
...इधर लोकसभा में उठा बीसलपुर का मुद्दा
लोकसभा में बुधवार को अजमेर जिले के शहरी इलाकों में पांच दिन और गांवों में आठ दिन में लोगों को पेयजल मिलने को मुद्दा उठा। लोकसभा Lok Sabha में अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी Bhagirath Chaudhary ने कहा कि ऐसे में नदियों और बांधों को जोडऩे की योजनाओं को सरकार को जल्द से जल्द मंजूरी देनी चाहिए।
अजमेर सांसद चौधरी ने शून्यकाल में पानी की समस्या उठाते हुए कहा कि जयपुर, अजमेर समेत राजस्थान Rajasthan के बड़े हिस्से को पेयजल उपलब्ध करवाने वाला बीसलपुर बांध Bisalpur सूखने के कगार पर है।
अजमेर क्षेत्र में पेयजल समस्या गहरा गई है। राजस्थान में भाजपा सरकार BJP government के समय बाह्मणी नदी का पानी बीसलपुर बांध में पहुंचाने की योजना बनी थी। राजस्थान में कांग्रेस Congress की सरकार बनने के बाद इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
केन्द्र सरकार को इसकी मंजूरी देनी चाहिए, जिससे लोगों को राहत मिल सके। वहीं करौली-धौलपुर से सांसद मनोज राजोरिया ने जल शक्ति मंत्रालय बनाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी Prime Minister Narendra Modi को धन्यवाद दिया।
इसके साथ ही उन्होंने पूर्वी राजस्थान नहरी योजना का मसला उठाते हुए कहा कि यह योजना केन्द्र में लंबित पड़ी हुई है। करीब 38 हजार करोड़ की इस योजना को मंजूर कर केन्द्र सरकार 13 जिलों की जनता को फायदा पहुंचा सकती है।
अभी यह हालात
बीसलपुर बांध फैक्ट फाइल-
बीसलपुर बांध का निर्माण 1996 में
बांध की भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर
बांध में 38 .70 टीएमसी पानी का होता है भराव
पहली बार पूर्ण जलभराव हुआ 2004 में
बांध बनने के बाद 2004, 2006 , 2014 व 2016 में हुआ पूर्ण जलभराव
पूर्ण जलभराव में जमीन स्तर से 20 मीटर ऊंचाई तक पानी भरता है।
बांध बनने के बाद पहली बार सूखा 2010 में
2010 में बांध सूखने के दौरान बांध का गेज 298 .6 7 आर एल मीटर का था गेज। जिसमें 0.48 एमसीएफटी पानी रह गया था शेष
अभी बांध में लगभग जमीन स्तर से चार से पांच मीटर पानी शेष बचा हुआ है।
बुधवार को बांध का गेज 305.67 आरएल मीटर बचा हुआ है जिसमें 2.9 टीएमसी पानी का कुल जलभराव है।
कुल भराव का 7. 50 प्रतिशत पानी है मौजूद
राज्य सरकार भी उठा चुकी है यह मामला
पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत Cm Ashok Gehlot भी केन्द्र के सामने इआरसीपी को मंजूर करने की मांग कर चुके हैं। उक्त योजना में राज्य के तेरह जिले झालावाड़, बारा, कोटा, बंूदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर व धौलपुर शामिल है।
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Published on:
27 Jun 2019 11:37 am
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