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फिजूलखर्ची रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने उठाया कदम, शिक्षा निदेशक ने किए ये आदेश जारी

Tonk News: बैठकों में इस्तेमाल होने वाले बोतल बंद पानी पर भी रोक लगा दी है। विभाग का तर्क है कि इससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश जाएगा। प्लास्टिक सामग्री के उपयोग पर भी रोक लगाई गई है।

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टोंक

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Akshita Deora

Jun 17, 2024

Education Department: शिक्षा विभाग ने अधिकारियों की बैठकों और सरकारी दौरे पर होने वाली फिजूलखर्ची पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर बताया कि अब कोई भी शिक्षा अधिकारी सरकारी दौरे, कार्यक्रम में स्वागत के दौरान साफा नहीं लेगा। यहां तक कि गुलदस्ता और स्मृति चिह्न लेने पर भी रोक लगाई गई है। इस आदेश से सबसे बड़ी राहत प्रिंसिपल और प्रधानाध्यापकों को मिली है। क्योंकि स्कूलों में आए दिन डीईओ, सीडीईओ, सीबीईईओ या अन्य अधिकारी औचक निरीक्षण के नाम पर पहुंच जाते हैं। उनके स्वागत के लिए प्रिंसिपल को हमेशा अपने पास साफे रखने पड़ते हैं। कई प्रधानाध्यापक व अध्यापक तो साफा रोज बैग में लेकर स्कूल जाते हैं और वापस लेकर आते हैं।

बैठकों में बोतल बंद पानी पर भी रोक

बैठकों में इस्तेमाल होने वाले बोतल बंद पानी पर भी रोक लगा दी है। विभाग का तर्क है कि इससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश जाएगा। प्लास्टिक सामग्री के उपयोग पर भी रोक लगाई गई है। बैठक के बजट और प्रावधानों के तहत ही चाय-नाश्ते की स्वीकृति होगी। अन्यथा बिना चाय नाश्ते के ही काम चलाना पड़ेगा। अधिकारियों को सरकारी गेस्ट हाउस, सर्किट हाउस या राजकीय आवास आदि में ही रुकने को कहा गया है।

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स्वागत पर एक हजार तक खर्च

स्कूलों में अधिकारी निरीक्षण के लिए आने पर उनके स्वागत के लिए करीब एक हजार रुपए तक खर्च होता है। यदि कोई बड़ा अधिकारी आता है तो खर्च ज्यादा भी पहुंच जाता है। जिला स्तर के अधिकारी को साफा और उपरणा ओढ़ाया जाता है। साथ ही पानी की बोतल और नाश्ते आदि पर भी खर्च होते हैं।