
जल जीवन मिशन योजना में गत दिनों बनवाड़ा में डाली गई लाइन की गहराई देखते हुए।
जयपुर जिले में भले ही जल जीवन मिशन मामले में मिली गड़बड़ के बाद जांच की गई हो। लेकिन टोंक जिले में अभी तक इस योजना में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि जयपुर की तरह ही टोंक जिले में भी बड़ी गड़बड़ है। इसका खुलासा जिले के सरपंच कर रहे हैं। यही कारण है कि जिले के सरपंच जल जीवन मिशन कार्य की एनओसी नहीं दे रहे हैं। साथ ही गांवों में आए दिन पेयजल संकट को लेकर हो रहे प्रदर्शन से सरपंच समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी नाराज है। सरपंचों की माने तो जल जीवन मिशन में पाइप भी उस गुणवत्ता के नहीं है, जो होने चाहिए थे।
लाइन डालने में बरती खानापूर्ति
ग्रामीणों का कहना है कि जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन डालनी थे। इसके लिए जिले में कई फर्मों को टेंडर जारी किया था। उक्त फर्मों ने पाइप लाइन सडक़ किनारे महज 6 से 8 इंच की गहराई में ही डाल दिए। जबकि नियमानुसार यह पाइप एक मीटर से अधिक की गहराई में डालने थे।
दबाव तक नहीं देखा गया
जिले में कई ग्राम पंचायत मुख्यालय बड़ी आबादी वाले हैं। पहले वहां पानी के 30 पॉइंट थे। अब आबादी बढऩे पर 1500 हो गए हैं। इसके बावजूद पाइप लाइन डालते समय 30 कनेक्शन के आधार ही छोटी लाइन डाली गई। जबकि वहां बड़ी लाइन डाली जाती ताकि पानी का दबाव बढ़ता और हर घर तक पानी पहुंचता। इसका नुकसान यह हो रहा है कि पानी लोगों तक नहीं पहुंच रहा है।
यह रखा था लक्ष्य
जल जीवन मिशन में जिले में 2 लाख 32 हजार 807 घरों में नल कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य है। साथ ही जिले में ग्रामीण परिवारों के लिए बीसलपुर टोंक उनियारा देवली एवं निवाई के लिए 2 वृहद पेयजल परियोजना तथा 84 लघु पेयजल योजनाएं स्वीकृत है। सरकार का मानना है कि शहरों में तो सरकारी विभाग और प्रत्येक घर में नल कनेक्शन है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में पानी का साधन कुएं तथा हैंडपम्प ही होते हैं। ऐसे में योजना शुरू की थी। लेकिन यह योजना अनदेखी की भेंट चढ़ गई।
तीन दिन में दूसरी बार टूटी पाइपलाइन
पीपलू. उपखंड क्षेत्र के रानोली में जल जीवन मिशन के दौरान मात्र 8 इंच की गहराई में पाइपलाइन डाली गई, जबकि 3 फीट गहराई पर डाली जानी चाहिए थे। कम गहराई में पाइपलाइन डालने का हाल यह हो रहा कि रानोली से नवरंगपुरा रोड़ पर चल रहे नाली निर्माण कार्य के दौरान तीन दिन में दूसरी बार पाइप लाइन टूट गई है। जिससे ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में भी नाथड़ी से अरनियाकाकड़ सडक़ चौड़ाई एवं सु²ढीकरण के कार्य के दौरान एक किमी दूरी में तोड़ी गई पाइपलाइन से करीब एक महीने तक 60 से अधिक उपभोक्ताओं को पीने के पानी की समस्या से गुजरना पड़ा था।
ठेकेदार को मिल चुका भुगतान
रानोली में जल जीवन मिशन योजना के तहत करीब 2 साल पहले डेढ़ करोड़ से अधिक की लागत से ग्रामीणों को बीसलपुर का शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने को लेकर टंकी का निर्माण करवाया गया। वहीं पाइपलाइन डालकर प्रति उपभोक्ता 2600 रुपए लेकर 600 उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिए गए थे। इस कार्य में भरपूर खामियों की शिकायत ग्रामीणों ने उस समय कई बार प्रशासन को भी की थी। इन सबकी अनदेखी से आए दिन पाइप लाइन टूटने की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है।
नहीं हुई सप्लाई
पंप संचालक अमर चंद जैन ने बताया कि नवरंगपुरा रोड पर नाली निर्माण कार्य चल रहा है। पाइपलाइन कम गहराई में होने से तीन दिन में दूसरी बार टूट गई। इसके चलते शुक्रवार को पेयजल सप्लाई बंद रखनी पड़ी। गांव के कई हैंडपंप खराब हो रहे हैं तथा नलों में पानी की सप्लाई आए दिन बंद रहने से पानी की व्यवस्था करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। लंबी दूरी तय करके पारंपरिक जलस्त्रोत कुएं, निजी ट्््यूबवैल से पीने के पानी का जुगाड़ करना पड़ रहा हैं।
यह बोले सरपंच
जल जीवन मिशन में बड़ी गड़बड़ है। पाइप तक गुणवत्ता वाले नहीं है। तय मापदंड से लाइन नहीं बिछाई गई है। ऐसे में जिले के सरपंचों ने एनओसी भी नहीं दी है।
Published on:
05 May 2024 07:26 pm
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