
निवाई. श्रावण मास की हरियाली अमावस्या पर शनिवार रात परम्परागत रूप से एतिहासिक रक्तांचल पर्वत की परिक्रमा लगाने के लिए शहर सहित ग्रामीणों क्षेत्रों से महिला-पुरुषों का सैलाब उमड़ पड़ा। परिक्रमा लगाकर श्रद्धालुओं ने एतिहासिक कुण्डों में स्नान कर मंदिरों में ढोक लगाई। हरियाली अमावस्या की पूर्व संध्या पर परिक्रमा लगाने के लिए शनिवार शाम से ही ग्रामीण क्षेत्रों से महिला पुरुष ट्रैक्टरों, जुगाड़ों सहित अनेक वाहनों में सवार होकर गीत गाते हुए निवाई पहुंचना प्रारम्भ हुए। जिनका क्रम देर रात्रि तक जारी रहा। सभी श्रद्घालुओं ने निवाई पहुंचकर मंदिरों में आयोजित हो रहे सत्संग में भाग लेने के पश्चात रात 12 बजे बाद भगवान राधा दामोदर जी के मंदिर से जयकारों के साथ रक्तांचल पर्वत की परिक्रमा के लिए रवाना हुए जो बस स्टैण्ड, राजीव मार्ग, पहाड़ी चुंगी नाका, बावड़ी वाले बालाजी, संजय वन, रजवास रोड एवं बड़ी बरथल में स्थित ज्वालामुखी माता के दर्शन कर पर्वत की करीब 11 किलोमीटर की परिक्रमा लगाते हुए कोशी गंगा के तट पर स्थित एतिहासिक कुण्डों पर पहुंचे। जहां रविवार सुबह श्रद्धालुओं ने स्नान कर श्री राधा दामोदर जी, जलंधर नाथ की गुफा, मोरियां वाले बालाजी, श्री गौरीशंकर महादेव, दादूदयाल आश्रम, विश्वशांति परमहंस आश्रम, खाटूश्याम मन्दिर, कृषि मण्डी के लक्ष्मीनारायण जी के मन्दिर, श्याम वाटिका, श्री चारभुजा नाथ मंदिर, कंकाली माता के मंदिर सहित अनेक मंदिरों में भगवान के दर्शनों को उमड़ पड़े। इस अवसर पर बच्चों ने खिलौने एवं गुब्बारों की जमकर खरीदारी की। युवक-युवतियों व बच्चों ने ऊंट पर सवारी का आनन्द उठाया। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए निरीक्षण करते हुए देखे गए।
Published on:
24 Jul 2017 07:48 am
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