
कृषि मंत्री डॉ. प्रभु लाल सैनी ने रविवार को आवां में अन्ता जाते समय बताया कि परम्परागत फसलों के साथ अब विविधिकरण लाने की आवश्यकता है।
आवां. राज्य के किसान को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य के सभी दस उत्कृष्टता केन्द्रों पर अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं। कृषि मंत्री डॉ. प्रभु लाल सैनी ने रविवार को आवां में अन्ता जाते समय बताया कि परम्परागत फसलों के साथ अब विविधिकरण लाने की आवश्यकता है। नवाचार अपनाने से ही किसान की आय बढ़ सकेगी। उत्कृष्टता केन्द्रों को एग्रोट्यूरिज्म के रूप मे विकसित करने के लिए बजट में व्यवस्था भी की गई है।
अन्य उत्कृष्टता केन्द्रों के साथ टोंक की देवड़ावास स्थित अन्तराष्ट्रीय राजहंस नर्सरी पर भी जैतून, डे्रगन फ्रूट, किनोवा, सैन्जना, खजूर के बाद मे चीया पर अभिनव प्रयोग सफल हो रहे हैं। सैनी ने बताया कि अमरूद उत्कृष्टता केन्द्र देवड़ावास नर्सरी मे अमरूद की एल-49 गोना, सफेदा आदि पनपाए जा रहे है तो जैतून की अरबेक्विना किस्म के पौधों व आम पर बम्पर फ्लावरिंग और फ्रूटिंग हो रही है।
मंत्री सैनी ने बताया कि जयपुर , कोटा , उदयपुर की सफलता के बाद किसान को अपडेट रखने के लिए आगामी दिनो मे जोधपुर में ग्राम के आयोजन की तैयारियां की जा रही है। इस दौरान दूनी मण्डी अध्यक्ष बाबू लाल जांगिड़, मनीष जैन, देव लाल मीना, रामसिंह, मनोहर सैनी, खेमराज गुर्जर, नन्द लाल मीना, सम्पत सिंह, सत्यनारायण माहेश्वरी, पंकज गोखरू, रामदेव मीना, दिनेश बाहेती आदि थे
सुने अभाव-अभियोग
बंथली . आवां से विधानसभा क्षेत्र अन्ता-बारां जाते समय कृषि मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी ने रविवार को दूनी में भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के अभाव-अभियोग सुने। भाजपा नेता पंकज गौखरू, घनश्याम झंवर ने स्वीकृत सरोली से कालाकांकरा वाया दूनी मार्ग का निर्माण शीघ्र शुरू कराने, बीसलपुर पेयजल योजना से कस्बे को जुड़वाने की मांग सहित विभिन्न समस्याएं बताई। इस मौके पर आवां सरपंच राधेश्याम चंदेल, दूनी उपसरपंच जसवंतसिंह शेखावत, पूर्व उपसरपंच रामरूप सैनी, ग्रामीण विष्णुप्रसाद झंवर, संजय बडग़ुर्जर सहित अन्य थे।
खराब थ्रेसर मामला
बंथली. आरएसीपी योजना के तहत निजी एनजीओ सृजन संस्था की ओर से क्षेत्र के पांच किसानों को खराब अनुदानित थे्रसर वितरित किए जाने के एक माह बाद भी एनजीओ व कृषि विभाग किसानों की सुध नहीं ले रहा है। जबकि एनजीओ, मैकेनिकों व कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने उनमें तकनीकी खराबी होना स्वीकार किया है। उल्लेखनीय है कि उपनिदेशक कृषि विस्तार के निर्देशन में टीम ने अनुदानित थ्रेसर प्राप्त करने वाले किसानों के गांव पहुंचकर उनकी मौजूदगी में थे्रसर मशीन वितरित की गई थी।
कम्पनी को किया पाबंद
थे्रसर मशीन निर्माण करने वाली पंजाब की कम्पनी को शुक्रवार को पत्र लिखकर आठ दिन में किसानों की राशि लौटाकर थ्रेसर मशीन वापस ले जाने का पत्र लिखा गया है।
निरंजनसिंह राठौड़, उपनिदेशक कृषि विस्तार, टोंक
Published on:
09 Apr 2018 09:06 am
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