
घटनास्थल का जायजा लेते किरोड़ी लाल मीणा
टोंक। राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा दोपहर करीब तीन बजे टोंक जिले के समरावता गांव पहुंचे हैं। यहां वे बीती रात हुई घटना के संबंध में ग्रामीणों और नरेश मीना के समर्थकों से बात कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने घटना पर प्रतिक्रिया दी। मीणा ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है, चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या आम नागरिक। उन्होंने कहा कि जिसने भी कानून अपने हाथ में लिया है, पुलिस को उसे गिरफ्तार करना चाहिए। मीणा ने कहा- "हमने पुलिस के आला अधिकारियों से बात की है और उन्हें मामले में संयम से काम लेने को कहा है। आम नागरिकों पर बल प्रयोग करने से समाधान नहीं निकलेगा।"
इससे पहले, समरावता गांव में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प को लेकर देर रात सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए शांति की अपील की। उन्होंने लिखा- समरावता गांव (देवली -उनयारा) प्रकरण को लेकर मैंने अभी पुलिस महानिदेशक एवं टोंक जिला कलेक्टर से फोन पर वार्ता कर स्थिति का जायजा लिया l आप सभी से मेरी अपील है की कृपया शांति और धैर्य बनाएं रखें।
इधर, नरेश मीना की गिरफ्तारी के बाद फिर से बवाल शुरू हो गया है। मीना के समर्थकों ने पुलिस की गाड़ियों को रोकने की कोशिश में सड़क जाम कर दी। देवली-उनियारा के समरावता गांव की सड़क पर टायर भी जलाए गए। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव भी किया। नरेश मीना के समर्थकों ने अलीगढ़ कस्बे के पास टोंक से सवाई माधोपुर जाने वाले नेशनल हाईवे-116 को भी जाम कर दिया है।
दरअसल, उपचुनाव में वोटिंग के दिन यानी 13 नवंबर को देवली-उनियारा के निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने गुस्से में आकर समरावता गांव के एक बूथ पर एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था। इस घटना के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। नरेश मीना समरावता गांव में धरने पर बैठ गए। देर शाम पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने धरना स्थल पर पहुंची। नरेश मीना को हिरासत में लेने के बाद समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जो देर रात तक जारी रही। इस दौरान समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर पथराव की घटनाएं भी सामने आई।
Updated on:
14 Nov 2024 05:39 pm
Published on:
14 Nov 2024 04:50 pm
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