
भारी वाहनों की आवाजाही: फिर भी बरती अनदेखी, होने लगे गड्ढे
भारी वाहनों की आवाजाही: फिर भी बरती अनदेखी, होने लगे गड्ढे
सार्वजनिक निर्माण विभाग ने लगाई है इंटरलोकिंग टाइल्स
शिकायतों पर भी बरत रहे अनदेखी
टोंक. सार्वजनिक निर्माण विभाग की सडक़ पर ही नहीं शहर के मुख्य सडक़ किनारे लगाई गई इंटरलोकिंग टाइल्स में भी गड़बड़ सामने आई है। इसकी तो लगातार शिकायत भी की जा रही है।
लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग लापरवाही बरत रहा है। सिविल लाइन क्षेत्र गांधी खेल मैदान की ओर से महज चार महीने में लगाई गई इंटर लॉकिंग टाइल्स जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो कर बैठने लगी है। बैठने का बड़ा कारण गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं करना सामने आ रहा है। सिविल इंजीनियर के मुताबिक सडक़ व इंटर लॉकिंग टाइल्स निर्माण से पूर्व सार्वजनिक निर्माण विभाग जीशीड्यूल तैयार करता है।
इसमें तय होता है कि निर्माण कैसे और किस सामग्री के साथ किया जाएगा। इंटरलोकिंग में भी मापदंड तय है। निर्माण के दौरान कई जगह पहले गिट्टी की पहली लेयर बिछाई। फिर उस पर नियम मुताबिक रोलर चलाया।
इसके बाद सैकंड लेयर डाली गई और फिर से रोलर चलाया। इसके बाद इंटर लॉकिंग टाइल्स की गई। लेकिन अधिकांश जगह महज एक से डेढ़ फीट की खुदाई की और बजरी डालकर सीधे इंटरलोकिंग कर दी गई।
वाहन के भार से तय होता है निर्माण
सडक़ और इंटर लोकिंग टाइल्स लगाने में वाहनों के आवागमन को देखा जाता है। इसमें कितने भार वाले वाहन गुजरते हैं और कितनी क्षमता सहने वाली सडक़ और इंटरलोकिंग टाइल्स लगाई जाती है।
इसको लेकर निर्माण किया जाता है। लेकिन सिविल लाइन में इस ओर अनदेखी बरती गई। शहर के मुख्य सडक़ और इंटर लोकिंग टाइल्स के भार सहने की क्षमता कम से कम 20 टन की होनी चाहिए। लेकिन महज 5 टन के वाहन गुजरने पर ही यह टाइल्स बैठ गई है।
शहर का मुख्य मार्ग है यह
घंटाघर से सिविल लाइन, गांधी खेल मैदान वाला शहर का मुख्य मार्ग है। जहां शहर में सर्वाधिक वाहनों की आवाजाही है। इसमें मोटरसाइकिल से लेकर 40 टन तक वाहन गुजरते हैं। ऐसे में यहां अनदेखी बरतना नहीं चाहिए।
यह बोले शहर के लोग
पेट्रोल पम्प पर लगने वाली इंटर लोकिंग टाइल्स करीब 60 टन की क्षमता वाली होती है। लेकिन सिविल लाइन में महज 5 टन क्षमता वाली ही डाली गई। इससे लग रहा है विभाग पूर्ण रूप से अनदेखी बरत रहा है।
- आसिफ खान, स्थानीय निवासी
कई जगह से अभी ही इंटरलोकिंग टाइल्स बैठ गई है। इसके निर्माण में पूर्णरूप से अनदेखी बरती गई है। विभाग को चाहिए कि इसकी जांच करे और सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई जाए। निर्माण भी दोबारा से किया जाए।
- अजय सांखला, स्थानीय निवासी
Published on:
02 Oct 2023 07:23 pm
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