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25 मई से शुरू होगा नौपता, 9 दिन रहेगा प्रचण्ड गर्मी का असर

सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है। इस बार 24,25 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि में 3 बजकर 17 मिनट पर प्रवेश करेगा जो 7 जून तक इसी नक्षत्र में रहेगा।

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Nautapa

तेज गर्मी ओर गर्म हवा से बचने के लिए चेहरे पर कपड़ा लगा कर गुजरती युवतियां।

  • सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है। इस बार 24,25 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि में 3 बजकर 17 मिनट पर प्रवेश करेगा जो 7 जून तक इसी नक्षत्र में रहेगा।

प्रदेश सहित जिला भी प्रचण्ड गर्मी की गुजर रहा है। सुबह सूरज उगते ही आग उगलने लगता है। सूरज की तेज तपीश से पंखे कूलर ओर एसी भी शोपीस बन कर रह गए है। सुब 11 बजे बाद से ही बाजारों में सन्नाटा पसर रजा है। अब आने वाले दिनों में नोपता लगने वाला है।

3 बजकर 17 मिनट पर प्रवेश करेगा

पं जगदीश नारायण स्मृति एवं वेदिक शोध संस्थान टोंक के संयोजक डॉ पं0 पवन सागर के अनुसार सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है। इस बार 24,25 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि में 3 बजकर 17 मिनट पर प्रवेश करेगा जो 7 जून तक इसी नक्षत्र में रहेगा। सागर ने बताया कि नौतपा साल के वह 9 दिन होते है जब सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक रहता है जिस कारण से इन 9 दिनों में भीषण गर्मी पड़ती है इसी कारण से इसे नौतपा कहते हैं।

चंद्र शीतलता का प्रतीक

डॉ सागर ने बताया कि इसी प्रकार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा होता है। सूर्य तेज और प्रताप का प्रतीक माना जाता है जबकि चंद्र शीतलता का प्रतीक होता है। सूर्य जब चांद के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो सूर्य इस नक्षत्र को अपने प्रभाव में ले लेता है जिसके कारण ताप बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस दौरान ताप बढ़ जाने के कारण पृथ्वी पर आंधी और तूफान आने लगते है।

तीव्र गर्मी पडें तो वह नवतपा

भारतीय ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आद्र्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो एवं तीव्र गर्मी पडें तो वह नवतपा है। मानना है कि सूर्य वृष राशि में ही पृथ्वी पर आग बरसाता है और खगोल शास्त्र के अनुसार वृषभ तारामण्डल में यह नक्षत्र हैं कृतिका, रोहिणी और मृगशिरा जिसमें कृतिका सूर्य, रोहिणी चंद्र, मृगशिरा मंगल अधिकार वाले नक्षत्र हैं इन तीनों नक्षत्रों में स्थित सूर्य गरमी ज्यादा देता है।

खगोलीय आधार है नवतपा

डॉ सागर ने बताया कि इन तीनों नक्षत्रों में सर्वाधिक गरम नक्षत्र अवधि कौन होगा इसके पीछे खगोलीय आधार है इस अवधि मे सौर क्रांतिवृत्त में शीत प्रकृति रोहिणी नक्षत्र सबसे नजदीक का नक्षत्र होता है। जिसके कारण सूर्य गति पथ में इस नक्षत्र पर आने से आंधियों में वृद्धि होना स्वाभाविक है इसी कारण परिस्थितिजन्य सिद्धांत कहता है कि जब सूर्य वृष राशि में रोहिणी नक्षत्र में आता है उसके बाद के नव चंद्र नक्षत्रों का दिन नवतपा है।