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प्रदेश में टोंक बना मिशन बुनियाद शुरू करने वाला तीसरा जिला, आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को देंगे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की शिक्षा

जिले में आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को रॉकेट लर्निंग संस्था के सहयोग से अब एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के अनुसार प्री-नर्सरी की शिक्षा दी जाएगी। प्रदेश में यह नवाचार करने वाला जोधपुर, गंगानगर के बाद टोंक तीसरा जिला हैं।  

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प्रदेश में टोंक बना मिशन बुनियाद शुरू करने वाला तीसरा जिला, आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को देंगे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की शिक्षा

प्रदेश में टोंक बना मिशन बुनियाद शुरू करने वाला तीसरा जिला, आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को देंगे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की शिक्षा

टोंक. जिले में आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को रॉकेट लर्निंग संस्था के सहयोग से अब एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के अनुसार प्री-नर्सरी की शिक्षा दी जाएगी। प्रदेश में यह नवाचार करने वाला जोधपुर, गंगानगर के बाद टोंक तीसरा जिला हैं। जिला प्रशासन टोंक और रॉकेट लर्निंग संस्था की और से कलक्ट्रेट सभागार टोंक में मिशन बुनियाद कार्यक्रम का शुभारंभ जिला परिषद अधिकारी देशल दान की अध्यक्षता में किया गया।

इस अवसर पर टोंक जिले के सभी सीडीपीओ, जिले की महिला सुपरवाइजर तथा संस्था रॉकेट लर्निंग से श्रेया सरकार, आयुश्री एवम मोहित वैष्णव उपस्थित रहे। रॉकेट लर्निंग राजस्थान प्रतिनिधि श्रेया सरकार ने बताया की पूर्व प्राथमिक शिक्षा की गतिविधियों को प्रभावी एवं सुचारू रूप से सम्पन्न करवाने एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में कौशल संवद्र्धन किए जाने के उद्धेश्य से रॉकेट लर्निंग संस्था ने मिशन बुनियाद कार्यक्रम के तहत नवाचार की शुरुवात की।

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रॉकेट लर्निंग संस्था मिशन बुनियाद कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाएगी। देश के सात राज्यों में इस एप का उपयोग छोटे बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए किया जा रहा हैं। रॉकेट लर्निंग ने अभी तक चंडीगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में करीब अपने साथ 15 हजार सरकारी स्कूलों को जोडा है जिनमें 1 लाख से ज्यादा बच्चों पढ़ते है। जिनके लिए रॉकेट लर्निंग प्रारंभिक शिक्षा के लिए कंटेंट उपलब्ध कराता है।

रॉकेट लर्निंग प्रोजेक्ट मैनेजर मोहित वैष्णव टोंक ने बताया कि इस स्टार्टअप की सबसे बड़ी खासियत है इसकी डिफरेंट अप्रोच जिसमें प्रारंभिक शिक्षा के लिए बच्चों के अभिभावकों को जोड़ा जा रहा है । रॉकेट लर्निंग शिक्षा की सभी समाग्री को क्षेत्रीय और ग्रामीणा भाषा में बनाता है। जिससे बच्चें और अभिभावक उसको आसानी से समझ सकते हैं। शिक्षा सामग्री को बच्चों तक व्हाट्स ऐप और फेसबुक मैसेजर के जरिए पहुंचाया जाता है।

विभाग की उपनिदेशक जिले भर की आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओं व बच्चों के परिजनों को व्हाट्स ऐप ग्रुप से जोड़ेंगे। ग्रुप के माध्यम से ही बच्चों को ऑनलाइन कंटेंट्स से पूर्व प्राथमिक शिक्षा दी जाएगी। इससे छोटे बच्चों का शिक्षा स्तर शुरूआत के साथ ही ऊंचा रहे। बौद्धिक विकास का स्तर भी बना रहे।