साथ ही टोकरावास गांव के कच्चे घरों में भरे पानी भरने के बाद नायब तहसीलदार ने मौके पर पहुंच कर्मचारियों को निर्देश देकर लोगों को सरकारी भवनों में रखने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है मुसलाधार बारिश के बाद दूनी सागर में शुक्रवार से चादर चलने लगी साथ ही धीरे-धीरे सागर का पानी माता मंदिर कं अंदर पहुंचने लगा ओर देखते ही देखते पानी माता दूणजा के चरणों को छुंने लगा ओर आधी प्रतिमा तक पानी आ गया।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष भंवरलाल जाट, सेवानिवृत शिक्षक सत्यनारायण शर्मा, दशरथलाल पारीक, शिवजीलाल चौधरी ने बताया की तीन साल बाद चली चादर व दूणजा माता की लावण (लहंगे) को छु रहा पानी क्षेत्र में खुशहाली का संकेत दे रहा है। माता मंदिर में सरोवर का पानी जाने के बाद कस्बे में खुशी की लहर दौड़ गई।
वही चादर चलने के बाद कस्बे के लोग नहाने के लिए आने लगे तो निकल रहे चादर के पानी से शुक्रवार को दूनी-घाड़ मार्ग अवरूद्ध हुआ मगर शनिवार को पानी की कम आवक होने के बाद आवागमन सुचारू हो गया। इधर, धुवांकला के मोतीसागर बांध पर एक फिट से अधिक चादर चलती रही पानी का बहाव अधिक होने के कारण सैलानी अंदरा जाने के बजाय किनारे पर बैठक मनमोहक नजारें का आनन्द लेते रहे।
भरनी व नयागांव तालाब में रिसाव की सुचना पर लोगों ने अपने स्तर पर मिट्टी की ट्रॉलियां डलवाकर व मिट्टी से भरे बैग रखे मगर ग्रामीणें में चिंता बनी हुई है। वही इधर, सरोली तालाब के टूटने के कगार पर होने पर भू-अभिलेख निरीक्षक राधेश्याम मीणा ने पहुंच मौका देखकर उपसरपंच सूरजकरण गुर्जर व ग्रामीण सत्यनारायण जाट की मदद से पाळ पर मिट्टी डलवाई।
कच्चे घरों को खाली करवाया
बारिश के बाद टोकरावास गांव के हालात बद से बदतर है। कच्चे मकानों में दरारें आने की सुचना पर पहुंचे भू-अभिलेख निरीक्षक राधेश्याम मीणा ने कच्चे मकानों का निरीक्षण किया ओर खतरा लगने पर हल्का पटवारी को ग्रामीणों की मदद से घरों में भरे पानी को मोटरों से निकलवाने के निर्देश दिए है।
साथ ही भू-अभिलेख निरीक्षक ने सरपंच से वार्ताकर हालात सामान्य नहीं होने तक लोगों को कच्चे मकानों को छोडकऱ सरकारी भवनों में शरण लेने के लिए कहा है। ग्रामीणों ने बताया की शुक्रवार को आई तेज बारिश के बाद कच्चे घरों में पानी भर गया उसे निकालने के बाद समीप की पहार्र्डिय़ों से बहकर आ रहा पानी दीवारों से रिसाव कर घरों के अंदर आ रहा है।