टोंक. जिले में बरसात का दौर जारी है। शहर में सुबह से बादल छाए रहे। लेकिन कुछ देर महज बूंदाबांदी हुई। जिले के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात है। प्रशासन की ओर से गांवों में राहत सामग्री भेजी जा रही है। मालपुरा उपखंड क्षेत्र के टोरड़ी सागर बांध में 3 फीट, भैरू सागर चांदसेन बांध की 3 फीट, रामसागर लांबाहरिसिंह की 6 इंच, हालोलाव कलमंडा की 6 इंच एवं किरावल सागर बांध की 2 फीट चादर चलने से क्षेत्र के क्षेत्र के चारों ओर पानी ही पानी नजर आने लगा है। प्रशासन ने बहाव क्षेत्र में अलर्ट जारी कर लोगों को ऊंचाई वाले स्थान पर सुरक्षित रहने का निर्देश दिया।
टोरड़ी सागर बांध की चादर चलने से पानी का बहाव सड़क पर बहुत तेज हो गया, जिसमें देर रात रोडवेज बस को लेकर चालक मुकेश कुमार निवासी दत्तोब टोडारायसिह से आ रहा था। एक टायर के तेज बहाव के चलते पुलिया से नीचे उतर जाने बस पानी में फंस गई। सूचना पुलिस को मिलते ही थाना प्रभारी चेनाराम बेडा एनडीआरएफ की टीम के साथ मौके पर पहुंचे तथा चालक को बचाने का प्रयास शुरू किया। चालक बस से रस्सी को पकड़ कर ही कूद गया, जिससे वह असंतुलित होकर पानी में बह गया। चालक के कूदने के बाद बस भी तेज बहाव के चलते बह गई। इसी प्रकार बागड़ी गांव के निकट सोमवार शाम दो महिला व एक युवती बह गई, जिनमें से एक का शव मिल गया। जबकि एक की तलाश जारी है। दोनों ही स्थानों पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची। पानी में बही विमला पत्नी शंकर खारोल निवासी सकरामपुरा का शव मिल गया। वहीं अनु पत्नी हनुमान जांगिड़ निवासी रामपुरा बास की तलाश कर रही है। एसडीआरएफ की टीम ने मीठाराम कहार एवं तारा देवी को सुरक्षित बाहर निकाला। कार्यवाहक एसडीएम कपिल शर्मा, एएसपी रामकुमार कस्वा, डीएसपी महेंद्र कुमार मीणा, तहसीलदार राहुल पारीक ने टोरडी सागर बांध के बहाव क्षेत्र के गांवों व बांध का भ्रमण कर लोगों से ऊंचाई वाले सुरक्षित स्थानो पर रहने की अपील की।
उनियारा. गलवा बांध की मध्य रात्रि से ही चादर चलना शुरू हुई जो सुबह होते-होते 11 इंच की चलने लगी। जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंता कैलाश सैनी ने बताया कि बरसात नहीं होने से अब उनियारा कस्बे में पानी भरा हुआ नहीं है। चादर का पानी सीधा गलवा नदी के रास्ते से बनास नदी में जा रहा है अगर अब बरसात होती है तो पानी उनियारा कस्बे में भरा रहेगा। लगातार हो रही क्षेत्र में बरसात से जहां उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंगफली की फसल गलना शुरू हो गई है। वहीं अगर आगे भी बरसात होती है तो फसल पूरी तरह चौपट हो जाएगी। किसानों ने राज्य सरकार के अधिकारियों में उपखंड अधिकारी सहित तहसीलदार, गिरदावर, पटवारी आदि लोगों से मांग की है कि वह फसलों के गलने का मुआयना करें और किसानों को उचित मुआवजा दिलवाया जाए। लगातार हुई बरसात से उनियारा कस्बे के टोंक मार्ग, नैनवा रोड सहित सवाई माधोपुर रोड उनियारा कस्बे की कई दुकानों में पानी भर गया। दुकानदार दिनभर पानी निकालते हुए नजर आए।
पंप हाउस में पानी भरा
वनस्थली. दौलतसागर बांध भी मासी बांध के बाद पूर्ण भराव के बाद मंगलवार को ओवर फ्लो हो गया है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता कानाराम गुर्जर ने बताया कि बांध पर 0.04 मीटर की चादर चल रही है। बांध का पानी खाराखोशी नदी से होकर मासी बांध में जा रहा है। गांव वनस्थली से ग्राम लोदेडा एवं गांव जोधपुरिया से गांव मनोहरपुरा पर स्थित रपट पर पानी का तेज बहाव है।
10 पंचायतों के 27 गांवों में जलापूर्ति ठप
टोडारायसिंह. मोर पम्प हाउस में पानी भरने से एक दर्जन ग्राम पंचायतों के गांवों में जलापूर्ति ठप हो गई है। मोर तालाब की चादर चलने के साथ पाळ टूटने से जलदाय विभाग के अधिनस्थ मोर पम्प हाउस परिसर में 3 से 5 फीट पानी भरा हुआ है। जिससे परिसर में स्थापित विद्युत मोटर जलमग्न हो गई तथा ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति को लेकर स्थापित पेयजल टंकियों में पानी नहीं भरा जा सका। जिसके चलते मोर पम्प हाउस से जुड़ी ग्राम पंचायत पंवालिया, मोर, कूकड, रिण्डलिया रामपुरा, संवारिया, मेहरू, मांदोलाई, लक्ष्मीपुरा, भांवता, मुण्डियाकलां से जुड़े 27 गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप है। ग्रामीणों को पारम्परिक जलबस्त्रोतों की शरण लेनी पड़ी।
मालपुरा कार्यवाहक उपखण्ड अधिकारी कपिल शर्मा ने जनसाधारण से अपील की उपखण्ड क्षेत्र में भारी वर्षा को देखते हुए जरेली, बालापुरा, शेरगढ़, रायपुरिया, नमुकिया, डूंगरी, केरवालिया, गुंजा, जानकीपुरा, देवलिया, घाटी क्षेत्र एवं मालपुरा से टोडारायसिंह रोड, टोरडी से शेरगढ़, टोरडी से रायपुरा एवं उपखण्ड के अन्य क्षेत्र व टोरडीसागर, भैरू सागर चांदसेन, हालोलाव कलमण्डा, रामसागर लांबाहरिसिंह बांधों के बहाव क्षेत्र एवं जलभराव क्षेत्र में जलभराव की स्थिति में उच्च क्षेत्र तथा किसी भी सुरक्षित स्थान पर रहें।
टोडारायसिंह. जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी मंगलवार को टोरडी सागर की साढ़े तीन फीट चादर चलने के बाद मौके पर पहुंचे और यथास्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सिंचाई विभाग के अभियंताओं से दूरभाष पर ही संपर्क साधते हुए टोरडी सागर बांध व डाउन स्ट्रीम सहोदरा नदी के प्रभावित गांवों की जानकारी ली। उन्होंने बांध व प्रभावित क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा पूर्व आवश्यक तैयारी नहीं करने पर अभियंताओं को लताड़ा।
ग्रामीणों ने कॉलेज छात्राओं को निकाला
मालपुरा से सदरपुरा गांव की ओर जाने वाले मार्ग पर बड़े भाग में कटाव लगने व पानी का जल स्तर बढऩे के बाद रपट पर मौजूद ग्रामीणों ने एक निजी कॉलेज की छात्राओं को मानव श्रृंखला बना कर सुरक्षित निकाला।
गुंजा व जरेली गांव को कराया खाली
प्रशासन की ओर से टोरडी सागर बांध की चादर में तेज बहाव होने के चलते गांव में पानी भरने से गुंजा व जरेली गांव के लोगों को टोरड़ी शेरगढ़ व अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। उपखंड अधिकारी ने बताया कि खाली कराए गए गांव से आने वाले लोगों के लिए स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र में व्यवस्थाएं की गई है। लेकिन अधिकांश परिवार अपने रिश्तेदारों के यहीं जाकर ठहरे हैं।