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SDM थप्पड़ कांड में आया बड़ा अपडेट, नरेश मीणा की टोंक SC-ST कोर्ट में हुई पेशी

Naresh Meena SDM Slapping Case: राजस्थान के चर्चित थप्पड़ कांड मामले में जेल में बंद निर्दलीय नेता नरेश मीणा की SC-ST कोर्ट टोंक में मंगलवार को पेशी हुई।

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टोंक

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Nirmal Pareek

May 20, 2025

नरेश मीणा

टोंक के SC-ST कोर्ट में पेशी के दौरान नरेश मीणा, फोटो सोर्स- सोशल मीडिया

Naresh Meena SDM Slapping Case: राजस्थान के चर्चित थप्पड़ कांड मामले में जेल में बंद निर्दलीय नेता नरेश मीणा की SC-ST कोर्ट टोंक में मंगलवार को पेशी हुई। कोर्ट में FIR संख्या 166/24 में सुनवाई पूरी हो चुकी है, जबकि FIR संख्या 167/24 में आज चार्ज बहस सुनी गई। कोर्ट ने इस पर 30 मई को फैसला सुनाने की तारीख तय की है। पेशी के बाद नरेश मीणा को पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच बूंदी जेल वापस ले गई।-

नरेश मीणा की सुनवाई फिर टली

बता दें, नरेश मीणा की जमानत पर आज फैसला आने की उम्मीद थी, लेकिन अदालत ने कोई राहत नहीं दी। वकील फतेहराम मीणा और सलीम सूरी ने उनकी तरफ से पैरवी की। कोर्ट ने दूसरी FIR में चार्ज बहस सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया है।

सब जगह भ्रष्ट सिस्टम है- नरेश

पेशी के बाद कोर्ट परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए नरेश मीणा ने प्रशासन और न्याय व्यवस्था पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि मैं 6 महीने से जेल में हूं, जबकि केस केवल 323 और 332 जैसी मामूली धाराओं का है। मुझे सजा नहीं, सिस्टम से साजिश मिल रही है। यहां जात और धर्म देखकर न्याय दिया जा रहा है। पुलिस ने उनकी टिप्पणी के तुरंत बाद उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस बस में बैठाया और रवाना कर दिया।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में 2023 के उपचुनाव के दौरान बड़ी हिंसा हुई थी। ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के समर्थन में धरने पर बैठे थे। धरने के दौरान नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि प्रशासन जबरन मतदान करवा रहा है। इसी दौरान उन्होंने एसडीएम अमित चौधरी को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मार दिया था।

इसके बाद हालात बिगड़ गए। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई, पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। इसके साथ ही गांव में कई गाड़ियों में आगजनी भी की गई थी। पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में लिया, लेकिन उनके समर्थकों ने सैकड़ों की संख्या में हमला कर उन्हें छुड़ाकर ले गए। इस पूरे उपद्रव के चलते कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए थे।

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