
बीसलपुर परियोजना पाइप लाइन के एयर वॉल्व से व्यर्थ बह रहा लाखों लीटर पानी
राजमहल. राज्य की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना व जयपुर अजमेर सहित टोंक जिले की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध के जलभराव क्षेत्र व कैचमेंट एरिया में मानसून की मेहरबानी के चलते बांध पूर्ण जलभराव होकर पिछले एक महीने से छलक रहा है।
वहीं बीसलपुर बांध के करीब बसें राजमहल, माताजी रावता, बोटूंदा ,कटारिया की ढाणी, नयागांव, सतवाड़ा आदि गांवों के लोग आज की बीसलपुर बांध से पर्याप्त पेयजल नहीं मिलने के कारण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। गांव के लोग कभी जलदाय विभाग तो कभी जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद भी पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं।
राजमहल कस्बे में बीसलपुर टोंक उनियारा पेयजल परियोजना का फिल्टर प्लांट होने के बावजूद भी लोगों के नलों में गंदला पानी आ रहा है। वहीं माताजी रावता गांव में महज आधा घंटा जलापूर्ति करने से लोग पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं।
दूसरी ओर बांध का जलभराव पूर्ण होने के बाद कभी पाइप लाइनों के वॉल्वो से घंटों तक व्यर्थ पानी बह रहा है। तो कभी पाइप लाइनों पर लगे एयर पाइपों से लाखों लीटर पानी रोजाना व्यर्थ बह रहा है। जिसको रोकने के लिए ना तो विभाग का कोई नुमाइंदा नजर आ रहा है और ना ही पेयजल परियोजना के तहत कार्य कर रही प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी दिखाई दे रहे हैं।
रास्ते में पानी भरने से आवागमन बंद
वनस्थली. क्षेत्र के ग्राम पंचायत वनस्थली की लोधा की ढाणी के समीप वनस्थली व लोधा की ढाणी होते हुए खणदेवत जाने वाले प्रमुख रास्ते में पानी भर जाने से आवागमन पूरी तरह बंद हो चुका है। लोधा की ढाणी निवासी महेन्द्र सिंह ने बताया कि बारिश का सीजन शुरू होते ही यह रास्ता राहगीरों के लिए बंद हो जाता है।
तेज बरसात होने पर तो यह रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता है। इससे ढाणी व खणदेवत के लोगों को 2 किलोमीटर वनस्थली के रास्ते को 20 किलोमीटर निवाई होकर या घुटने घुटने पानी मे चलकर तय करना पड़ता है। पानी से निकालने पर वाहन क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, वहीं दुपहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। वनस्थली सरपंच पिंकी यादव ने कहा कि बरसात बाद मिट्टी डालकर रास्ते को ठीक कराया जाएगा।
Published on:
25 Sept 2019 08:00 am
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