scriptशह और मात के खेल का गवाह है लाक्षागृह | Lakshagrah Of Barnava Is Of Mahabharat | Patrika News

शह और मात के खेल का गवाह है लाक्षागृह

Published: Mar 05, 2016 02:05:00 pm

Submitted by:

Sarad Asthana

पांच हजार साल पुराने इस शह और मात के खेल का गवाह आज भी बागपत जिले में मौजूद हैं, जिसे लाक्षागृह के नाम से जाना जाता है।

barnava

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मेरठ। सभी लोगों को महाभारत के बारे में सब पता हाेगा। युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव आैर कौरवों का धर्म युद्घ भला कौन भूल सकता है। भगवान श्रीकृष्ण का गीता का उपदेश आज भी लोगों को राह दिखाता है। मामा शकुनि और भांजे दुर्योधन ने मिलकर पांडवों को खत्म करने के लिए हर चाल चली, लेकिन कौरवों की हर शह पर पांडवों की मात भारी पड़ी। पांच हजार साल पुराने इस शह और मात के खेल का गवाह आज भी बागपत जिले में मौजूद हैं, जिसे लाक्षागृह के नाम से जाना जाता है। पौराणिक ग्रंथों इसका नाम वाणावृत मिलता है।

क्या है इसका इतिहास

मेरठ से लगभग 35 किमी. दूर मेरठ-बड़ौत मार्ग पर बागपत जिले की बरनावा तहसील स्थित है। ऐतिहासिक मान्यता है कि इसकी स्थापना राजा अहिरबारन तोमर ने की थी। यहीं पर महाभारत कालीन लाक्षागृह टीले पर बने भवन के रूप में स्थित है। पांडवों ने पांच गांव पानीपत, सोनीपत, बागपत, तिलपत और वरूपत (वाणावृत या बरनावा) दुर्याेघन से मांगे थे, लेकिन दुर्योधन ने युद्ध के बिना सुई की नोक के बराबर जमीन देने से भी इंकार कर दिया था। पांडवों को मारने के लिए दुर्याेधन ने एक चाल चली। उसने बरनावा में एक महल बनवाकर पांडवों को जलाने की योजना बनाई। इसी गृह को लाक्षागृह कहा जाता है। किंतु बिदुर की समझदारी के कारण महल में आग लगने से पहले ही पांडव एक गुप्त सुरंग से भागने में सफल रहे। यह सुरंग आज भी हिंडन नदी के किनारे खुलती है।



वर्तमान स्थिति

बरनावा के दक्षिण में लगभग 100 फुट ऊंचा और 30 एकड़ में फैला महाभारत काल का लाक्षागृह टीला अब अवशेष के रूप में स्थित है। टीले के पास पांडव किला भी है। इस किले में कई प्राचीन मूर्तियां भी स्थित हैं। वर्तमान में यहां गुरुकुल आश्रम और गौशाला भी स्थित है। टीले की देखरेख का जिम्मा भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन है।

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कब जाएं

महाभारत कालीन टीला और पांडव किला आम लोगों के लिए प्रतिदिन खुला रहता, लेकिन फाल्गुन मास में यहां विशाल मेला लगता है। मेले में दूर-दराज से बड़ी संस्था में लोग पहुचते हैं।

कैसे जाएं

बरनावा जाने के लिए मेरठ से बड़ौत रोड़ होते हुए पहुंचा जा सकता है। अपने वाहन या बस से भी बरनावा पहुंचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त दिल्ली से शामली रोड होते हुए बड़ौत पहुंचकर भी बरनावा पहुंचा जा सकता है।
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