
Mahakumbh Ghats
Mahakumbh: प्रयागराज का नाम सुनते ही गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम का ख्याल आना लाजमी है। भारत की आध्यात्मिक राजधानी कहलाने वाला यह शहर कुंभ मेले के दौरान खासतौर पर चर्चा में रहता है। इस मेले में प्रयागराज के घाटों का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व और भी बढ़ जाता है। अगर आप कुंभ मेले में जा रहे हैं, तो इन 5 प्रसिद्ध घाटों (Mahakumbh Ghats) पर जरूर समय बिताएं।
दशाश्वमेध घाट अपने पौराणिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान ब्रह्मा ने दस अश्वमेध यज्ञ किए थे। कुंभ मेले के दौरान यह घाट गंगा आरती और भजन-कीर्तन के लिए बेहद लोकप्रिय होता है। शाम के समय यहां की आरती में भाग लेने से लेकर आस-पास के लोकल डिश का आनंद लेने से आपकी यात्रा का मजा डबल हो जायेगा।
हांडीफोड़ घाट प्रयागराज के सबसे प्राचीन घाटों में से एक है। कुंभ मेले के दौरान यहां होने वाले धार्मिक आयोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम इसे खास बनाते हैं। अगर आपको शांत वातावरण पसंद हैं तो इस घाट की सीढ़ियों पर बैठकर नदी की शांत लहरों को देखना और उसकी मधुर ध्वनि सुनना आपके लिए किसी फिल्मी सीन से कम नहीं होगा।
संगम घाट वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं। इसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण संगम पर स्नान करना है। यहां का नजारा वाकई अद्भुत होता है। आप यहां नाव की सवारी के जरिए त्रिवेणी संगम का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। यहां की भीड़ और माहौल आपको एक अलौकिक शांति का अनुभव कराएंगे।
महादेव के भक्त हैं तो केदार घाट आपके लिए बेहद ही खूबसूरत जगहों में से एक हैं। यह जगह भगवान शिव को समर्पित है। शिव आराधना करने वालों के लिए यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। कुंभ मेले में यहां स्नान करने और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है।
यदि आप भीड़-भाड़ से दूर शांत समय बिताना चाहते हैं, तो बलुआ घाट आपके लिए परफेक्ट है। यहां का सुरम्य वातावरण ध्यान और योग के लिए उपयुक्त है। कुंभ मेले के दौरान यहां साधु-संतों का जमावड़ा रहता है, जो प्रवचन और ध्यान करते हुए आपको एक सुन्दर नजारा देखने की अनुभूति देगा।
Published on:
26 Dec 2024 06:24 pm
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