
Diljit Dosanjh visits Abu Dhabi’s Sheikh Zayed Grand Mosque
Sheikh Zayed Grand Mosque: हाल ही में सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) ने अपने "दिल-लुमिनाती टूर" के दौरान अबू धाबी की सैर की। शेख जायद ग्रैंड मस्जिद में पारंपरिक पोशाक में उनकी शानदार तस्वीरें सोशल मीडिया पर छा गई हैं। उनकी इस यात्रा ने फैंस में अबू धाबी और उसकी खूबसूरत विरासत के प्रति खासा उत्साह जगा दिया है। इतिहास और वास्तुकला प्रेमियों के लिए यह जगह किसी खजाने से कम नहीं है। आइए, अबू धाबी की शेख जायद ग्रैंड मस्जिद की शानदार और जादुई डेस्टिनेशन की खासियतों के बारे में जानते हैं।
कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जहां आस्था, संस्कृति और आधुनिक डिजाइन अद्भुत रूप से एक साथ दिखाई देते हैं। अबू धाबी की अल शेख जायद मस्जिद ऐसी ही खास जगहों में से एक है। अगर आप कभी अबू धाबी जाएं, तो इस मस्जिद को देखने का मौका न चूकें। यह न सिर्फ यूएई की सबसे बड़ी मस्जिद है, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण इसे दूर-दूर से पहचाना जाता है। मस्जिद के सामने खड़े होकर उसकी अद्भुत खूबसूरती को देखना हर किसी के लिए एक यादगार अनुभव बन जाता है।
शेख जायद ग्रैंड मस्जिद का विचार 1980 के दशक में शुरू हुआ और 5 नवंबर 1996 को निर्माण कार्य का शुभारंभ हुआ। इसे तैयार होने में 11 साल लगे। विभिन्न देशों के शिल्पकारों और 3,000 से अधिक श्रमिकों के समर्पण के साथ यह मस्जिद दुनिया भर से जुटाई गई बेहतरीन सामग्रियों का शानदार नमूना है।
यूएई के संस्थापक दिवंगत शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान की ख्वाहिश थी, कि एक ऐसी मस्जिद बनाई जाए, जो इस्लाम की उदारता और सहिष्णुता को दर्शाए। वह चाहते थे कि यह मस्जिद इस्लामी शांति, विविधता और भाईचारे के संदेश को आगे बढ़ाए। शेख जायद का सपना था, कि यह मस्जिद आधुनिक इस्लामी वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण हो। जहां शिक्षा और विज्ञान दोनों का संगम हो और वास्तविक इस्लामी मूल्यों की झलक को दिखया जाएं। उनका यह दृष्टिकोण न केवल भविष्य की सोच पर आधारित था, बल्कि इसका गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी था। इस्लामी संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर में रुचि रखने वालों के लिए शारजाह इस्लामिक सभ्यता संग्रहालय भी एक अद्भुत स्थल है, जो अमीरात की समृद्ध इस्लामी विरासत को उजागर करता है।
यह मस्जिद (Sheikh Zayed Grand Mosque) अबू धाबी के बाहरी क्षेत्र में जमीन से लगभग 10 मीटर की ऊंचाई पर बनी है। इसका कुल क्षेत्रफल 555,000 वर्ग मीटर है, जिसे बहुत ही सोच-समझकर डिजाइन किया गया है। यदि आप इस क्षेत्र के अन्य आकर्षणों में रुचि रखते हैं तो शारजाह का अल कस्बा टूर भी देखने लायक है। यह सांस्कृतिक और मनोरंजन का बेहतरीन अनुभव देता है। जिससे आपकी यात्रा और यादगार बन जाती है।
मस्जिद में कुल 82 गुंबद हैं, जो अलग-अलग आकार और डिजाइन में बनाए गए हैं। इनमें मोरक्को और मुगल शैली की झलक मिलती है। सफेद संगमरमर से ढके ये प्याज के आकार के गुंबद, जिन पर अर्धचंद्र के साथ सुनहरे और कांच के मोजेक सजाए गए हैं, जो बेहद आकर्षक लगते हैं।
मस्जिद के प्रांगण में चार कोनों से उठती 107 मीटर ऊँची मीनारें विभिन्न इस्लामी वास्तुकला शैलियों की प्रेरणा का प्रतीक हैं। ये संरचनाएं विविधता और भव्यता को दर्शाती हैं।
यहां 1,000 से अधिक छह-तरफा स्तंभ हैं, जो सफेद संगमरमर से ढके हुए हैं। इनमें पिएत्रा दोरा तकनीक का उपयोग कर अर्ध-कीमती पत्थरों की कलात्मक सजावट की गई है। हर स्तंभ को खासतौर पर हाथों से बनाया गया है, जो इसकी भव्यता और अनूठापन दिखाता है।
मस्जिद के प्रार्थना कक्ष में मक्का की दिशा दर्शाने वाली दीवार को किबला दीवार कहते हैं। यह दीवार इटली से आयातित एक्वाबियांका और बियान्को पी संगमरमर से बनी है और इसमें हर तरफ फूलों की आकृतियाँ उकेरी गई हैं। हर आकृति पर अल्लाह के 99 नामों में से एक सुंदरता से अंकित है।
किबला दीवार के केंद्र में स्थित मेहराब अर्धवृत्ताकार डिजाइन में बना है। इसे इस्लामी परंपरा और पवित्र कुरान में स्वर्ग के उल्लेखों से प्रेरणा लेकर डिजाइन किया गया है। यहां सारे इमाम एक साथ मिलकर नमाजियों का नेतृत्व करते हैं।
Updated on:
17 Nov 2024 03:51 pm
Published on:
17 Nov 2024 03:48 pm
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