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Ramayan Jamwant: देखो, कितना बदल गए ‘रामायण’ के जामवंत, 36 साल बाद दिखते हैं कैसे

Ramayan Jamwant Rajshekhar Upadhyay: रामायण' में राम, सीता, लक्ष्मण और रावण के अलावा एक और ऐसा किरदार था, जिसे देखने के लिए लोग इंतजार किया करते थे। वो किरदार जामवंत का था। जिसे आज भी कोई नहीं भूला है।

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अब ऐसे दिखते हैं 'रामायण' के जामवंत

Ramayan Jamwant Raj Shekhar Upadhyay: रामानंद सागर की "रामायण" एक भारतीय धारावाहिक था जो 1987 में पहली बार प्रसारित हुआ था। यह धारावाहिक भारतीय साहित्य के महाकाव्य "रामायण" पर आधारित था और इसे निर्देशक और निर्माता रामानंद सागर ने बनाया था। "रामायण" में राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण, और अन्य कई प्रमुख पात्रों की कहानी को जिन्होंने शानदार तरीके से प्रस्तुत किया। हर कोई इन किरदारों की पर्सनल लाइफ के बारे में जानने के लिए बेताब रहता है।

जामवंत की आवाज ने हर किसी को फैन बना दिया था
"रामायण" में राम, सीता, लक्ष्मण और रावण के अलावा एक और ऐसा किरदार था जिसकी आवाज सुनकर ही दर्शक को काफी उत्सुकता होने लगती थी। जी हां हम बात कर रहे हैं 'रामायण' में जामवंत का किरदार निभाने वाले राजशेखर उपाध्याय की। जामवंत के रोल में दर्शकों को इनकी आवाज ने हर किसी को फैन बना दिया था। "रामायण" में जामवंत का किरदार निभाने वाले राजशेखर उपाध्याय की आवाज ने दर्शकों को विशेष रूप से प्रभावित किया था।





36 साल बाद पहचानना हो जाएगा मुश्किल

उनकी शक्तिशाली और प्रभावशाली आवाज ने जामवंत को एक अद्वितीय और यादगार पात्र बना दिया। इस किरदार ने जामवंत की भावनाओं, उनके आदर्शों और उनके सार्थक भाषणों को दर्शकों के दिलों में बैठा दिया। जामवंत के किरदार के लिए श्रीकांत राजशेखर उपाध्याय को तो हर कोई नहीं जानता है, लेकिन उनके असली चेहरे के दीदार को लेकर फैंस आज भी काफी एक्साइटेड रहते हैं। इसी बीच एक्टर का नई तस्वीरें सामने आई हैं।

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इन फोटो में, श्रीकांत राजशेखर उपाध्याय को पूज्य श्री प्रेमानंद जी महाराज के दरबार में दिखाया जा रहा है। इसमें एक्टर गुरुजी से मुलाकात करते हुए दिख रहे हैं, इस मुलाकात के दौरान, गुरुजी ने श्रीकांत के किरदार की सराहना की है और उनसे जामवंत के डायलॉग को आवाज में सुनाने के लिए भी कहा है। ऐसा कहा जाता है कि जब राजशेखर बनारस में पढ़ाई करते थे तो उस वक्त रामनगर की मशहूर रामलीला में अभिनय भी करते थे। पौराणिक मान्‍यताओं के मुताबिक द्वापर युग में जामवन्‍त ने कोहिनूर हीरे को धारण किया था। इस हीरे को तब स्यमंतक मणि कहा जाता था।