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पर्दे के ‘श्री राम’ ने किया सवाल – ‘सत्य बोलने के लिए गीता पर हाथ रखकर कसम खाई जाती है, तो सत्य जानने के लिए गीता पढ़ाई क्यों नहीं जाती?’

गुजरात के स्कूलों के सिलेबस में भगवत गीता जोड़े जाने के बाद से इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों के अलग-अलग प्रकार के पोस्ट देखने को मिल रहे हैं। कुछ इस बात का समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं तो कुछ विरोध भी करते नजर आ रहे हैं।

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Archana Keshri

Mar 24, 2022

पर्दे के 'श्री राम' ने किया सवाल - 'सत्य बोलने के लिए गीता पर हाथ रखकर कसम खाई जाती है, तो सत्य जानने के लिए गीता पढ़ाई क्यों नहीं जाती?'

पर्दे के 'श्री राम' ने किया सवाल - 'सत्य बोलने के लिए गीता पर हाथ रखकर कसम खाई जाती है, तो सत्य जानने के लिए गीता पढ़ाई क्यों नहीं जाती?'

गुजरात की सरकार ने नए शिक्षण सत्र से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के सिलेबस में भगवत गीता को शामिल करने का फैसला किया है. इस फैसले के तहत शैक्षणिक सत्र 2022-23 से कक्षा 6 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में भगवद गीता शामिल होगी। इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर समर्थन और विरोध देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में राम की भूमिका निभाने वाले एक्टर अरुण गोविल भी इस मुद्दे पर बोलने से खुद को रोक नहीं पाए।

गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी ने हालिया बजट सत्र के दौरान भगवद गीता को सिलेबस का हिस्सा बनाने का ऐलान किया था। वाघानी के मुताबिक इस फैसले का मकसद छात्रों को भारत की समृद्ध और विविधतापूर्ण संस्कृति के बारे में जानकारी देना है। इस मुद्दे पर अरुण गोविल ने भी अपनी राय रखी है।

अरुण गोविल ने ट्विटर का सहारा लेते हुए इस निर्णय का विरोध करने वालों से सवाल किया है। उन्होंने लिखा, "सत्य बोलने के लिए गीता पर हाथ रखकर कसम खाई जाती है, तो सत्य जानने के लिए गीता पढ़ाई क्यों नहीं जाती? जय श्री राम।"

एक्टर के इस ट्वीट पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, "गीता जीवन का सार है। कोई पाठ्य पुस्तक नहीं कि उसे पढ़ाया जाये। सत्यान्वेषी गीता स्वयं पढ़ते हैं। गीता कोई धर्मग्रन्थ भी नहीं है। फिर भी आपको लगता है कि इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये तो अपनी पार्टी से यह मांग क्यों नहीं करते? जय श्रीराम।"

तो वहीं एक यूजर ने लिखा, "बस यही, इसी में उलझे रहो सब। बस धर्म के नाम पर मूर्ख बनते रहो। ये मत बोलो की और स्कूल-कॉलेज बनाए। इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा हो। पढ़ाई और अस्पताल पर कभी बात नहीं करनी है।"

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तो वहीं इस पोस्ट पर कई लोगों ने जय श्री राम लिखा है। आपको बता दें, गुजरात में इसी के साथ पाठ्यक्रम के अनुरूप स्कूलों में भगवद गीता पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएं रखी जाएंगी। इसमें श्लोक, ड्राइंग, निबंध, प्रश्नोत्तरी, नाटक आदि को शामिल किया जाएगा और इसी पर आधारित स्ट्डी मटीरियल दिया जाएगा।

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