
राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुंदा गांव में एक आदमखोर पैंथर की दहशत से शुक्रवार सुबह लोगों को मुक्ति मिल गई। शार्प शूटर ने मदार इलाके में इस खतरनाक तेंदुए को गोली मारकर उसकी जान ले ली, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पिछले एक महीने से यह तेंदुआ क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन गया था और इसके हमले में दस लोगों की जान जा चुकी थी। ऐसे में वन विभाग ने आदमखोर तेंदुए को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए थे।
तेंदुए की तलाश के लिए वन विभाग की टीमें लगातार सक्रिया थीं। लोगों के बीच भय का माहौल था और इस संकट के समाधान की दिशा में सभी प्रयास किए जा रहे थे। अंतत: शार्प शूटर की मुस्तैदी से तेंदुए का शिकार संभव हो सका। जैसे ही तेंदुए को गोली मारी गई, वन विभाग की टीम मदार के लिए रवाना हो गई, ताकि घटनास्थल पर पहुंचकर तेंदुए की जांच की जा सके।
अधिकारियों का कहना है कि इंसानों का शिकार करने वाले तेंदुए की पहचान करने के लिए कई तरह के संकेत होते हैं। आमतौर पर, आदमखोर तेंदुए के शिकारी दांत घिस जाते हैं या टूट जाते हैं। यह एक महत्वपूर्ण मापदंड है जिसके आधार पर तेंदुए की पहचान की जा सकती है। तेंदुए के शव को घटनास्थल से जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि यह पुष्टि हो सके कि यह तेंदुआ वास्तव में आदमखोर था या नहीं।
माना जा रहा है कि इसी तेंदुए ने एक महीने के दौरान गोगुंदा और उसके आसपास के क्षेत्र में पांच साल की बच्ची से लेकर 60 साल तक की बुजुर्ग का शिकार किया है। अब तक दस लोगों पर हमला किया है और उनमें से आठ की मौत हो चुकी हैं। मरने वालों के शरीर के अधिकतर अंग तेंदुए ने खा लिए थे। सभी को एक ही पैटर्न से मारा गया था। पहले गर्दन दबोची और उसके बाद हड्डी तोडकऱ जान ले ली। शरीर के तमाम अंदरूनी अंग खा लिए गए। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले आदमखोर मानकर एक अन्य तेंदुए की हत्या कर दी गई थी।
Updated on:
18 Oct 2024 04:47 pm
Published on:
18 Oct 2024 02:46 pm
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