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अहमदाबाद विमान हादसे का झूठा मुआवजा, उदयपुर में 22 परिवार ठगे गए, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

Ahmedabad plane crash: पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियां पूरे मामले का पता लगाने में जुटी हुई हैं। ठगों ने विमान हादसे के 22 परिवारों से संपर्क किया था।

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Ahmedabad plane crash

Ahmedabad plane crash (Patrika Photo)

उदयपुर: अहमदाबाद विमान हादसे में मारे गए लोगों के आश्रितों को 10 करोड़ का मुआवजा दिलाने का झांसा देने वाले ठग उदयपुर से पहले 22 और मृतक आश्रित परिवारों के घर पहुंचे। उस टीम में कुछ अधिवक्ता और बाहरी लोग बताए जा रहे हैं।

बता दें कि बाहरी लोगों ने उन परिवारों से कई कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। इधर, राजस्थान पत्रिका में खबर प्रकाशन के बाद विभिन्न सुरक्षा एजेन्सियां मृतक आश्रित परिवारों से संपर्क कर हकीकत का पता लगाने में जुटी हैं।

राजस्थान पत्रिका ने 31 जुलाई को विमान हादसे के मृतक आश्रितों के घर पहुंचे ठग, 10 करोड़ दिलाने का झांसा शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इसमें विमान हादसे में मारे गए रूण्डेडा निवासी वरदीचंद मेनारिया के घर ठगों के पहुंचने का खुलासा किया। ठगों ने मृतक की पत्नी व बेटे दीपक को सुप्रीम कोर्ट की ओर से आना बताकर भ्रमित किया। दस्तावेज पर अंगूठा निशानी एवं हस्ताक्षर के लिए दबाव बनाया, मना किया तो फोन पर धमकाया।

पुलिस ने जांच में जुटाए कुछ तथ्य

वल्लभनगर थाना पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि रूण्डेडा में आए आरोपी किसी निजी फर्म के थे, वे जानकार लोगों के माध्यम से उनके केस लडऩे मदद करने के लिए हस्ताक्षर करवा रहे थे। पुलिस ने माना कि तरीका बिल्कुल गलत था। परिजनों के मना करने के बावजूद वे दबाव बनाकर धमकी दे रहे थे। उनके द्वारा परिजनों को गुमराह करने की भी जानकारी सामने आई है, जिसकी जांच की जा रही है।

पुलिस जांच में क्या सामने आया

पुलिस की प्रारंभिक जांच में मृतक वरदीचंद के परिजन के अलावा ठगों द्वारा अन्य मृतक आश्रित 22 जनों से सम्पर्क करने पर अब विभिन्न सुरक्षा एजेन्सियां मामले की जांच में जुटी हैं। वे मृतक आश्रित परिवारों से पता लगा रही कि ठगों ने परिवार से कौन-कौन से दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाए, उनकी क्या मंशा थी?

अगर वे केस लड़ना चाहते थे तो सीधा अपना परिचय देते। बाहरी लोगों को क्यों लेकर आए? केस लड़ने की मंशा थी तो परिजन से कमीशन का कोई पैसा तय किया था क्या? सुरक्षा एजेन्सियां अब इस सब बिन्दुओं पर जांच में जुटी है।