
जिले में पैर पसार रहा एड्स, 1 दशक में ढाई सौ से साढे छह हजार हुए मरीज
भुवनेश पण्ड्या
उदयपुर. जिले में एड्स भयावह तरीके से पैर पसार रहा है। हालात ये है कि गत एक दशक में ढाई सौ मरीजों से लेकर हमारा जिला साढ़े छह हजार मरीजों तक पहुंच गया है। यही नहीं उदयपुर के एआरटी सेन्टर तक पहुंचकर प्रति माह जांच करवाने वाले लोग भी करीब साढ़े पांच हजार है तो इनमें से करीब 65 से 70 संक्रमित सामने आ रहे हैं। हालांकि इनका प्रतिशत पहले से कम जरूर हुआ है, लेकिन तमाम बचाव के तरीकों व जानकारी के बाद भी एड्स पर काबू नहीं पाया जा सका है। एड्स दिवस पर पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि इसमें हर वर्ग के बच्चों से लेकर बूढ़े तक शामिल हैं, जो इस बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं।
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एड्स रोगियों की संख्या:
वर्षवार- मरीजों की संख्या- प्रतिशत
2007-08 262- 6.02
2008-9- 352- 2.68
2009-10- 506- 1.53
2010-11- 578- 1.42
2011-12- 607- 0.84
2012-13- 518- 0.89
2013-14- 510- 0.64
2014-15- 578- 0.62
2015-16- 542- 0.45
2016- 17- 565- 0.34
2017-18- 534- 0.24
2018- 19- 763- 0.18
2019-20- 235 - 0.30
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कुल मरीज 6550
कुल मरीजों की संख्या:
इसमें से बच्चे : 352
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ये जरूरी है:
- गर्भवती महिला की एचआईवी की जांच होनी चाहिए, ताकि समय पर जानकारी मिलने के बाद तत्काल उपचार कर मरीजों को ग्रस्त होने से बचाया जा सके।
- प्रत्येक टीबी के मरीज की एचआईवी जांच अनिवार्य है।
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एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का उपचार तो संभव नहीं है, लेकिन उसे जीवनभर एआरटी की दवाई लेनी है।
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विश्व एड्स दिवस की थीम एक दिसम्बर...एन्डिग द एचआईवी एड्स एपिडेमी कम्यूनिटी बाई कम्यूनिटी रखी गई है। किसी भी तरीके से एड्स को रोका जाए।
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वायरल लोट लैब शुरू की गई
वर्तमान में आरएनटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में वायरल लोट मशीन की स्थापना की गई है, जिससे कि ये देखा जा सके कि जो एआरटी की दवाई ले रहे है, उस दवाई का उन पर असर है या नहीं, ये देखकर उन्हें यदि उन पर असर नहीं है तो सैकंड लाइन एआरटी व थर्ड लाइन एआरटी देने की शुरुआत की है। ये लैब राजस्थान में केवल दो जगह है, उदयपुर और जोधपुर में है। इस लैब में जांच करवाने के करीब प्रति माह करीब 60 मरीज नए आ रहे हैं, जो उदयपुर में साढ़े पांच हजार नए मरीज जांच करवाने के लिए आ रहे हैं, एचआईवी जांच के लिए आ रहे है। तीन हजार के समीप स्थाई दवाई ले रहे हैं।
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एचआईवी एड्स पर कार्य करने वाली संस्थाएं- ये दो संस्थाए जिले में एचआईवी एड्स पर कार्य कर रही है। वे इन विषयों पर कार्य कर रही है। इनमें लोगों का चयन कर जांच करवाना और जांच के बाद जरूरत के आधार पर उसे एआरटी से पंजीकृत करवा दवाई उपलब्ध करवाने का काम करती है।
- मानव सेवा संस्थान: प्रवासी व्यक्तियों पर कार्य करती है।
- मीरा संस्थान: फिमेल सेक्स वर्कर व एमएसएम (मेन हेविंग सेक्स विथ मेन)
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सावचेत, सावधानी व बचाव जरूरी है, हमारा प्रयास है कि हम ज्यादा एचआइवी की जांच कर उन्हें
डॉ मनु मोदी, जिला कार्यक्रम एड्स
Published on:
04 Dec 2019 10:59 am
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