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आर्किटेक्ट अनूप गुप्ते ने स्वाब टेस्ट के लिए बनाया पेंडेमिक सेंपल कलेक्शन यूनिट

- चिकित्सक व व्यक्ति रहेंगे सुरक्षित - प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व सभी कलक्टर्स को भेजा डिजाइन

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आर्किटेक्ट अनूप गुप्ते ने स्वाब टेस्ट के लिए बनाया पेंडेमिक सेंपल कलेक्शन यूनिट

आर्किटेक्ट अनूप गुप्ते ने स्वाब टेस्ट के लिए बनाया पेंडेमिक सेंपल कलेक्शन यूनिट

भुवनेश पंडया

उदयपुर. उदयपुर के युवा आर्किटेक्ट अनूप गुप्ते ने किसी भी व्यक्ति के स्वाब टेस्ट लेने के लिए विशेष तरह का पेंडेमिक सेंपल कलेक्शन यूनिट तैयार किया है। ये ऐसा यूनिट है जो ना केवल चिकित्सक को संक्रमण से दूर रखेगा, बल्कि जांच के लिए आने वाले हर व्यक्ति को भी संक्रमित होने से बचाएगा। इसमें ना तो बार-बार पीपीइ किट पहनने व उतारने का झंझट रहेगा और ना ही ज्यादा समय जाएगा। उन्होंने अपने इस यूनिट की पूरी जानकारी व मॉडल डिजाइन डिटेल देश के प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री, चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और सभी जिलों के कलक्टर्स को भी भेजे हैं। गुप्ते का कहना है कि यदि सरकार इसे लेकर हमें काम सौंपती है तो कुछ संस्थाएं ऐसी भी है जो नि:शुल्क इसे तैयार कर लोगों के लिए सुविधा दे सकती हैं।

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दक्षिण कोरिया ने किया है इस्तेमाल: दक्षिण कोरिया में पहले ये डिजाइन इस्तेमाल किया जा चुका है, उसी से प्रेरित होकर गुप्ते ने यह शुरुआत की है। बकौल गुप्ते जब भी स्वाब टेस्ट लेते हैं तो पीपीइ किट पहनना होता है, हर व्यक्ति के समय इसे बार-बार बदलना होता है ताकि संक्रमण नहीं फैले, ऐसे में ये यूनिट बेहद कारगर साबित होगा, इसका कारण है कि इसके इस्तेमाल में ना तो चिकित्सक को बार-बार किट बदलना होगा और ना ही जांच करवाने के लिए आने वाले व्यक्ति में संक्रमण का डर रहेगा।

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कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए गुप्ते ने इस नए प्रोजेक्ट का सुझाव दिया है। किसी भी खाली पड़े स्थान पर लगभग 40 बाई 40 फ ीट के परिसर में फोन बूथ मॉडल को अपना सकते हैं। इस मॉडल के तहत डॉक्टर आइसोलेशन में रह कर अपना काम करते हैं, और उनके सामने 3 बूथ होते है इन बूथों में क्रमश: व्यक्ति आ सकते हैं । डॉक्टर एक-एक कर इनका सैंपल ले सकते हैं। एक रोगी के बाहर जाते ही उस कंपार्टमेंट को तुरंत डिसइनफेक्ट किया जाता है। जब तक वह कंपार्टमेंट डिसइनफेक्ट होता है तब तक दूसरे कंपार्टमेंट में रोगी का सैंपल लिया जा सकता है। इस तकनीक में डॉक्टर और रोगी का किसी प्रकार से कोई संपर्क नहीं होने के कारण संक्रमण होने का खतरा नहीं है। इस तकनीक में रोगियों को भी एक दूसरे से संक्रमित होने से रोका जा सकता है। इस तकनीक के माध्यम से परीक्षणों की संख्या में काफ ी अधिक वृद्धि की जा सकती है। दक्षिण कोरिया में लॉक डाउन की अवधि को कम करते हुए इस तकनीक का उपयोग करते हुए परीक्षणों की संख्या में काफ ी वृद्धि कर कोरोना वायरस को नियंत्रित करने की दिशा में कारगर कदम उठाए गए थे।

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ये साधन लगते हैं तैयार करने -

: तारपोलिन शीट का टेन्ट- : पोटाकेबिन शिपिंग कंटेनर्स

- : एल्यूमिनियम के बूथ

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ये फायदा सीधा - पीपीई किट की जो मारामारी है कम हो जाएगी तो दूसरा उसे पहनने-उतारने में जो समय खराब होता है वह नहीं होगा।

- व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस करेगा ताकि वह आसानी से इस टेस्ट के लिए राजी हो जाएगा।

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संजीव गुप्ते आर्किटेक्स फर्म के नाम से इसे तैयार किया गया है। यदि सरकार इसे ओके कर देती है तो कुछ कंस्ट्रक्शन कंपनियां इसे नि:शुल्क तैयार करने के लिए आगे आ रही है। इस मॉडल डिजाइन को हमने सुप्राटेक माइक्रोपैथ लैब में भी भेजा था, वहां से इसे बेहतर बताया गया है।

अनूप गुप्ते, आर्किटेक्ट उदयपुर -


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