अगर आप चांद-तारों को देखने में रुचि रखते हैं तो तैयार हो जाइए। एक खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसका अद्भुत नजारा देख सकेंगे।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क/उदयपुर। अगर आप चांद-तारों को देखने में रुचि रखते हैं तो तैयार हो जाइए। एक खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसका अद्भुत नजारा देख सकेंगे। दरअसल, सौर मंडल का छठा महत्वपूर्ण शनि ग्रह (सेटर्न) पृथ्वी के सबसे करीब नजर आने वाला है। ये घटना 27 अगस्त को होगी। गौरतलब है कि पृथ्वी और शनि के करीब आने का कारण सूर्य की परिक्रमा है। बीएन विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में इस महत्वपूर्ण खगोलीय घटना के लिए द्वितीयक गामा किरणों के प्रेक्षण सिंटिलेशन संसूचक द्वारा बुधवार से शुरू किए गए हैं, जो 2 सितंबर तक लिए जाएंगे। यह वैज्ञानिक अध्ययन उच्च स्तरीय होगा, जो कि विज्ञान संकाय के डीन डॉ. रेणु राठौड़ और एसोसिएट डीन डॉ. रितु तोमर के प्रयासों से किया जा रहा है।
सूर्य अस्त तो शनि उदय होगा: विभागाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र पारीक ने बताया कि 27 अगस्त को शनि ग्रह पृथ्वी के नजदीक पहुंचेगा। यह एक चमकदार तारे की तरह नजर आएगा। इस दिन सूर्यास्त हो रहा होगा तब पूर्व दिशा में शनि ग्रह उदय हो रहा होगा। शनि के नजदीक आने के कारण द्वितीयक किरणों में परिवर्तन देखा जाएगा। पहले भी मंगल ग्रह तथा बृहस्पति ग्रह पृथ्वी के नजदीक आने की घटना के दौरान द्वितीयक किरणों के प्रेक्षण लिए गए और उनमें परिवर्तन देखा गया।
30 अगस्त को नजर आएगा सुपरमून: शनि ग्रह की घटना के बाद 30 अगस्त को सुपरमून नजर आएगा जिसको ‘ब्लू मून‘ भी कहा जाता है। द्मब्लू मूनद्य का अर्थ ये नहीं कि आसमान में चंद्रमा का रंग नीला हो जाएगा। दरअसल, जब एक महीने में दो पूर्णिमा आती है तो दूसरी पूर्णिमा वाले सुपरमून को ब्लू मून कहा जाता है। ब्लू मून की घटना करीब ढाई साल में एक बार होती है। इससे पहले ब्लूमून 22 अगस्त 2021 में देखा गया था। इससे पहले एक अगस्त को ब्लू मून देखा गया था।