10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

उदयपुर की आयड़ नदी में गिरता नाला बंद नहीं किया तो कटेगी जेब

- दो दिन की मोहलत, वरना प्रतिदिन 5000 रुपए का जुर्माना

2 min read
Google source verification
ayad river

उदयपुर . आयड़ नदी को लेकर इनदिनों जोर-शोर से साफ-सफाई का अभियान चलाया जा रहा है। जैसे-जैसे झाडिय़ां हट रही है, वैसे-वैसे किनारे स्थित घरों और बस्तियों से आयड़ में गिरने वाले गंदे नालों का सच सामने आने लगा है। जब यह तस्वीर नगर निगम की टीम ने शुक्रवार को देखी तो शाम को ही दो दिन का चेतावनी भरा आदेश निकाला कि दो दिन में जिन्होंने गंदे नाले बंद नहीं किए, उन्हें जेब ढीली करते हुए जुर्माना भरना पड़ेगा।

READ MORE : CELEBRITY IN UDAIPUR: उदयपुर आए सुरेश वाडेकर, कल ‘जश्न-ए-परवाज’ में देंगे प्रस्तुति, संगीतकार आनन्दजी भी आएंगे, video

शुक्रवार को नदी पेटे में पहुंचे नगर निगम आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग को झाडिय़ां साफ होने के बाद करीब चार स्थानों पर घरों व बिल्डिंगों से गंदे पानी के नाले आयड़ में गिरने की डर्टी पिक्चर दिखी। उन्होंने एसई अरुण व्यास को निर्देश दिए कि इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

ऑफिस पहुंचते ही निकाला आदेश
सिहाग ने ऑफिस पहुंचते सख्त आदेश निकाला, वहीं आमजनता के नाम अपील जारी की। उसमें कहा कि शहरी क्षेत्र में आयड़ नदी के किनारे स्थित जिन आवासीय या व्यावसायिक परिसर के नाले सीधे आयड नदी में गिरकर इसे प्रदूषित कर रहे, वे सुधर जाएं अन्यथा कार्रवाई को तैयार रहे। उन्होंने जनता के नाम अपील में कहा कि दो दिन में एेसे नाले या नाली को अपने स्तर पर बंद कर दें। स्वास्थ्य अधिकारी नरेन्द्र श्रीमाली ने बताया कि इसकी पालना नहीं करने वालों पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 208 के तहत प्रतिदिन 5000 रुपए शास्ति राशि वसूली जाएगी।

टीम को यहां दिखे गंदे नाले
- सीपीएस पुलिया क्षेत्र
- अशोकनगर आयड़ पुलिया के पास
- आलू फैक्ट्री के पास


सार्वजनिक स्थानों से सात दिन में हटा ले सामान
इधर, नगर निगम ने उन सबको चेतावनी दी है जिन्होंने अपना सामान सार्वजनिक स्थानों पर रख रखा है या सरकारी रास्तों व स्थानों पर कब्जे कर रखे हैं। वे तत्काल इन्हें हटा दें वरना उनके खिलाफ सात दिन की अवधि के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि मास्टर प्लान के मामले को लेकर राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी के मामले में हाईकोर्ट ने दिए आदेश के तहत सभी अपने स्तर पर सरकारी स्थानों से अतिक्रमण हटा लें वरना निगम सख्ती के साथ कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि व्यापारी, फुटपाथ व्यवसायी, ठेला संचालक, फेरी वाले आदि ने सार्वजनिक स्थानों, सडक़ों, फुटपाथ पर अस्थायी रूप से सामान रख रखा है, अवैध निर्माण रखे हों तो स्वयं के स्तर पर हटा लें। ऐसा नहीं करने पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 245 के तहत निगम स्तर पर अतिक्रमण हटाकर सामान जब्त करने के साथ ही शास्ति राशि वसूली जाएगी।