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चैत्र नवरात्र 2019: शुभारंभ कल से , इस बार अद्धभुत संयोग के साथ कोई तिथि क्षय नहींं होने से 9 दिन रहेंगे खास

Chaitra Navratri 2019 शुरू होने में अब मात्र एक दिन शेष है ऐसे में मेनार सहित क्षेत्र के प्रमुख शक्तिपीठोंं पर इसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैंं ।

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jaipur

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उमेश मेनारिया/मेनार. चैत्र नवरात्र एवंं हिंदूू नव वर्ष का आरंभ शनिवार 6 अप्रैल से हो रहा है। वैसे तो नवरात्र वर्ष में 4 बार आते हैं। मगर 2 नवरात्र गुप्‍त होते हैं और बाकी के 2 नवरात्र में पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाती है। पहला शीत ऋतु की समाप्‍ति के बाद आरंभ होता है। यह चैत्र माह के शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होता है। दूसरा शारदीय नवरात्र कहलाता है, जो कि शीत ऋतु के शुरू होने पर आता है। चैत्र नवरात्र शुरू होने में अब मात्र एक दिन शेष है ऐसे में मेनार सहित क्षेत्र के प्रमुख शक्तिपीठोंं पर इसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैंं । नवरात्र के पहले दिन घट स्‍थापना अथवा कलश स्‍थापना के बाद नवरात्र का शुभारंभ किया जाता है।

कलश स्‍थापना के लिए शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2019 Shubh Muhurat)

इस साल नवरात्र में कोई तिथि क्षय नहीं है। यानी इस बार चैत्र नवरात्र पूरे 9 दिन के ही रहेंगे। साथ ही इस साल नवरात्र में कई शुभ योग भी बन रहे हैं। इस साल चैत्र नवरात्र पर मांं दुर्गा 6 अप्रैल शनिवार के दिन अश्व( घोड़े) पर सवार होकर आ रही हैं। पण्डित अम्बा लाल शर्मा ने बताया की 6 अप्रैल को सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच कलश स्थापना की जा सकती है। कलश स्थापना का अभिजि‍त मुहूर्त सुबह 11:35 से दोपहर 12:24 तक रहेगा। इस समय अश्विनी नक्षत्र और शुभ योग रहेगा। इस सर्वोत्तम योग के साथ ही एक उत्तम योग स्थित लग्न वृषभ का सुबह 7:49 से सुबह 9:45 मिनट तक है।

chaitra navratri i 2019 Date :

चैत्र नवरात्र पर इस बार शुभ संयोग के अलावा ज्योतिषीय नजरिए से देखा जाए तो नवरात्र में पुष्य योग, सर्वार्थसिद्धि और रवियोग भी बन रहे हैं। इस कारण ये 9 दिन बहुत ही खास रहेंगे। संंस्कृत वेद संस्था के पंडित अम्बा लाल शर्मा ने बताया कि इस बार नवरात्र में अद्धभुत संंयोग बन रहे हैंं । शर्मा ने बताया कि 7 अप्रैल को द्वितीया के साथ सर्वार्थ सिद्धि (शुभ) , 8 अप्रैल तृतीया के साथ रवि योग (कार्य सिद्धि) , 9 अप्रैल चतुर्थी के साथ सर्वार्थ सिद्धि (भूमि, भवन खरीदी) , 10 अप्रैल पंचमी के साथ सर्वार्थ सिद्धि (लक्ष्मी पंचमी) , 11 अप्रैल छठ के साथ रवि योग (संतान सुरक्षा) , 12 अप्रैल सप्तमी के साथ सर्वार्थ सिद्धि(नए संबंध चर्चा) , 13 अप्रैल अष्टमी पर कुलदेवी पूजन , 14 अप्रैल नवमी के साथ रवि पुष्य व सर्वार्थ सिद्धि (वैष्णव मतानुसार सुबह 9.37 तक नवमी ) रहेगी ।

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