
राज्यसभा सांसद नीरज डांगी
संदीप पुरोहित
मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार मेरे राज्यसभा में जाने के कारण नहीं गिरी है। ये ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और सत्ता लोलुपता के कारण गिरी है, इसका खमियाजा कांग्रेस से ज्यादा उनको भुगतान पड़ेगा। यह कहना है राज्यसभा सांसद नीरज डांगी का। प्रस्तुत है उनसे हुई खास बातचीत -
सवाल- यदि राजस्थान से राज्यसभा में आपकी जगह दिग्विजयसिंह को भेजा जाता तो मध्यप्रदेश की सरकार नहीं गिरती, क्या यह सच नहीं है ?
डांगी- मेरे कारण मध्यप्रदेश में सरकार नहीं गिरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और सत्ता लोलुपता के कारण गिरी है। राजस्थान से अगर मेरी जगह दिग्विजय सिंह को राज्यसभा में भेज देते तो भी ज्योतिरादित्य सिंधिया यही गलती करते, उनको मंत्री पद चाहिए था। कांग्रेस को फिलहाल भले ही नुकसान हुआ है, लेकिन स्थितियां जल्द बदलेंगी।
सवाल : कांग्रेस के वर्तमान में हालात बिगड़े हुए हैं। जमीन खिसकती जा रही है। संसद में भी पार्टी के प्रदर्शन पर प्रश्न उठ रहे हैं। आपको 2024 में क्या लग रहा है?
डांगी- संसद में भाजपा मुद्दों पर बहस से बच रही है। सदन की मर्यादा और हमारी महान परंपराओं के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है। वह यह भूल रही है कि कभी वह भी विपक्ष में थी। यह सही है कि कांग्रेस ने कई राज्यों में बहुत कुछ खोया है, पर वहां हम जल्दी वापसी करेंगे। अब जनता असलियत पहचान गई है। प्रधानमंत्री के लच्छेदार भाषणों की जमीनी हकीकत सामने आ रही है। भाजपा कोई ताम्रपत्र लेकर नहीं आई है जो अजर-अमर है। हरियाणा और मध्यप्रदेश में हमारी वापसी तय है। आज देश में वैसी परिस्थितियां नहीं है, जो पहले थी, ऐसी कोई बड़ी उपलब्धि इस बार केन्द्र सरकार हासिल नहीं कर पाई है जो प्रधानमंत्री को अगला मौका मिला। ऐसा कुछ बड़ा काम उन्होंने नहीं किया है। पहले नोटबंदी फिर जीएसटी और अब कोरोना प्रबन्धन। सब में सरकार का फेलियर साफ दिख रहा है। इन सबका खासकर कोरोना का खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ा है, जबकि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व कोरोना काल में ऐतिहासिक काम हुआ है। दवा से लेकर ऑक्सीजन तक सब समय पर उपलब्ध हुए है।
सवाल- आप कह रहे हैं कि कोरोनाकाल में शानदार काम हुआ है, विपक्ष सीएम के घर से नहीं निकलने का आरोप लगा रहा है?
डांगी- सीएम घर से निकले या नहीं निकले, ये आरोप बेबुनियाद है। सीएम ने स्वयंसेवी संगठन हो, प्रबुद्ध लोग हो, प्रदेश में प्रशासनिक ढांचे का काम हो, चिकित्सक व अन्य संस्थाए हो, सब से व्यक्तिगत रूप जुडकऱ कार्य किया है। सीएम खुद कोरोना ग्रस्त हुए, इसके बाद भी उन्होंने एक भी दिन एसा नहीं छोड़ा जब उन्होंने छुट्टी ली हो, ऐसा कुशल प्रशासक व संवेदनशील और कोई देश में नहीं हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी प्रशंसा की है, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। चाहे वह कांग्रेस के या विपक्ष के हो, जो मुख्यमंत्री पर यह आरोप लगा रहे हैं वे अपने गिरेबान में भी झांकें। खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे वाली बात हो रही है। देख लेना 2023 में कांग्रेस प्रदेश में फिर सत्ता में लौटेगी। भाजपा सिर्फ कॉरपोरेट सेक्टर की पार्टी है, केंद्र सरकार के सभी निर्णयों से यह साफ हो गया है।
सवाल : पर आपकी पार्टी में तो ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक तय नहीं हो पा रहा है। आप कैसे निपटेंगे ?
डांगी- कांग्रेस का अधिवेशन जब भी होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। इसमें कोई विवाद नहीं है। कोरोना काल है, थोड़ा टाइम लग सकता है। जहां तक राजस्थान का सवाल है, प्रदेश कांग्रेस संगठनात्मक ढांचे का काम पूरा कर चुकी है, ब्लॉक से जिलाध्यक्ष तक की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। राजस्थान में हमने संगठनात्मक ढांचे को बना लिया है, जल्द अनाउंस करेंगे।
सवाल- गांधी परिवार के अलावा कोई और अध्यक्ष नहीं हो सकता क्या ?
डांगी- देश की जनता व संगठन चाहता है कि राहुल गांधी या परिवार में से ही कोई अध्यक्ष बने, इसलिए इसी दिशा में पार्टी आगे बढ़ रही है। वैसे कांग्रेस में गैर गांधी बहुत से अध्यक्ष रहे हैं। अध्यक्ष ही नहीं प्रधानमंत्री भी रहे हैं। अब जो परिस्थतियां बन रही है उससे साफ है कि कांगे्रस देश में उभरकर आएगी, कांग्रेस जल्द जवाब देगी। असली मुखौटा सामने आ गया है। प्रधानमंत्री ने लच्छेदार भाषण देकर लोगों को गुमराह किया है। अब ये ज्यादा दिन नहीं चलेगा। देश का युवा राहुल गांधी के नेतृत्व में आगे बढना चाहता है।
सवाल- राजस्थान में सरकार को तीन वर्ष हो गए, मुख्यमंत्री व पूर्व उप मुख्यमंत्री का तालमेल नहीं बना है। राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो रही है। कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ रहा है?
डांगी- कार्यकर्ताओं की जल्द नियुक्तियां करेंगे। यह प्रकिया जारी भी है। नगर परिषद, निगम पालिकाओं का काम पूरा कर लिया है। छोटे लेवल पर एडवोकेट्स की नियुक्तियां पूरी कर ली है। इस मामले में तो हम दूसरे फेज में ले जा रहे हैं। बडे स्तर पर बोर्ड निगम व राज्य के अध्यक्षों की नियुक्तियों में देरी हुई है, जल्द ही इस पर निर्णय सामने आंएगे। अब सब कुछ सामान्य हो गया है।
सवाल- क्या कभी अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच सुलह हो पाएगी ?
डांगी- संगठन से लेकर मंत्रिमंडल तक के लिए आमराय हो चुकी है। जल्द ही सब ठीक होगा। ये सब जो निर्णय होंगे वह सुलह ही तो है। हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं। आप उनकी पूरी राजनीतिक जीवन यात्रा देख लीजिए। अब तो हम 2023 की तैयारी कर रहे हैं।
सवाल- कोरोना काल में सभाएं करने का कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगाती है पर आपके ही नेता कोरोना में जन्मदिन मनाते हैं, पांच से दस हजार भीड़ जुटती है?
डांगी- कार्यक्रम छोटे स्तर पर करने के लिए सभी को कहा गया है। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन, मास्क लगाना, भीड़ नहीं करने के नियमों का सभी को पालन अनिवार्य रूप से करना है, पर कार्यकर्ता और समर्थक जोश पर काबू नहीं रख पाते हैं। फिर भी हम सबने हमेशा पूरा ध्यान रखने की कोशिश की है।
सवाल- आपको नहीं लगता एससी, एसटी व अल्पसंख्यक कांग्रेस से दूर होते जा रहे हैं?
डांगी- ये वर्ग हमेशा से कांग्रेस के साथ रहा है और हमेशा रहेगा। राजस्थान से मेरा मनोनयन करना अजा-जजा को साथ लेना ही है। इससे एक संदेश भी गया है। आप कांग्रेस का इतिहास उठाकर देख लीजिए इनके उन्नयन के लिए कांग्रेस ने जितना काम किया है किसी भी राजनीतिक दल ने नहीं किया है। प्रदेश में भी संगठन से लेकर सत्ता तक में इनकी भागीदारी है। हम इसको और बढ़ाएंगे।
सवाल- कांग्रेस के नेताओं और भाजपा के बीच साठगांठ है। उदयपुर के परिप्रेक्ष्य में कहा जाता है यहां कटारिया कांग्रेस है?
डांगी- नहीं, ऐसा नहीं है। राहुल गांधी के नेतृत्व में युवाओं को तो आगे ला ही रही है। यहां कांग्रेस बेहद मजबूत है, तमाम ग्रुप होने पर भी सभी सौहार्द पूर्ण तरीके से आपस में मिल कर एक जुटता के साथ काम कर रहे हैं। यहां हमारा प्रदर्शन पहले से बेहतर होगा, जो कमियां है वह मिलकर दूर करेंगे ताकि जनता के प्रति हमारी जिम्मेदारी साबित हो। सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कार्य करेंगे। जनता के पक्ष में निर्णय लेने होंगे।
Updated on:
15 Sept 2021 09:52 am
Published on:
15 Sept 2021 09:44 am
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