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उदयपुर सूटा की संवैधानिकता को लेकर हाइकोर्ट ने सुविवि को जारी किया नोटिस, ये था मामला

विवि में सूटा के साथ-साथ नॉन टीचिंग कर्मचारियों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भी यूनियन है

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Constitutionalism of Sukhaya University Teachers Association udaipur

उदयपुर . सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (सूटा) की संवैधानिकता को लेकर दायर याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए सुखाडि़या विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया है। गौरतलब है कि सूटा 1982 से संचालित संगठन है। विवि में सूटा के साथ-साथ नॉन टीचिंग कर्मचारियों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भी यूनियन है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने सिर्फ सूटा को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।

जोधपुर उच्च न्यायालय की न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने एडवोकेट चन्द्रशेखर कोटवानी की दलील पर सुखाडि़या विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया है।एडवोकेट कोटवानी ने दलील दी कि भारतीय संविधान में आर्टिकल 19 के तहत हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शान्तिपूर्वक विरोध दर्ज करवाने की स्वतंत्रता एवं संगठन बनाने की स्वतंत्रता दी गई है। सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय ने शिक्षक संगठन सूटा को असंवैधानिक घोषित कर भारतीय संविधान का उल्लंघन किया, जिसे उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी किया है।

विश्वविद्यालय की ओर से नोटिस का जवाब देने के बाद 29 मई को अगली सुनवाई होगी। सूटा अध्यक्ष देवेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि मनोनयन विधिसंगत है, कुलपति के नियम विपरीत कार्यों का विरोध किया तो दबाने के लिए सूटा को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।

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लूणदा. ग्राम पंचायत अमरपुरा जागीर में करीब ८ माह से १५० परिवार पानी के इधर-उधर भटकने को विवश हैं, लेकिन इनकी व्यथा कोई सुनने वाला नहीं। ग्रामीणों ने सरपंच से लेकर राजस्थान संपर्क पोर्टल तक शिकायतें की, लेकिन समाधान नहीं हुआ। राजस्व लोक अदालत शिविर के दौरान समाधान की मांग की गई, लेकिन सप्ताहभर बीतने के बाद भी न हैण्डपम्प ठीक हुए और न ही टैंकरों की व्यवस्था की गई। अमरपुरा जागीर में पूर्व में पनघट योजना लगी हुई थी। उसके लिए पंचायत द्वारा एक शपथ पत्र तैयार कर के समिति का गठन किया गया व समिति पनघट देखरेख व पैसा जमा करने का काम करती। पैसा जो भी बचता उस पैसों को पंचायत में जमा करवाया जाता, जिससे की पंचायत बिजली विभाग को पैसा जमा कराती थी।


ग्रामीणों को पेयजल सुचारू रूप से सप्लाई हो रहा था, लेकिन आठ माह पूर्व न तो समिति ने पैसा इक्कठा किया और न पंचायत ने बिजली विभाग को पैसा जमा कराया। इसके चलते बिजली विभाग ने कनेक्शन काटकर ट्रांसफार्मर खोल ले गए। इन सब चक्कर में गांव में जनता पानी के लिए प्यासी हो गई। ग्रामीण जब भी पानी की समस्या को लेकर पंचायत पहुंचते तो पंचायत क हती समिति ने पैसा जमा नहीं कराया। बिजली विभाग ने कनेक्शन काट दिया कह कर पल्ला झाड़ दिया जाता है।


अमरपुरा गांव के भंवर लाल जाट, विजय सिंह राठौड़, मोखम सिंह राठौड़, सुरेश जाट सहित कई ग्रामीणों ने कहा की जल्द से जल्द पंचायत व विभाग की ओर से उपाय नहीं किया गया तो आन्दोलन किया जाएगा।


संपर्क पोर्टल पर भी समाधान नहीं
अमरपुरा ग्राम पंचायत निवासी भंवरलाल जाट ने बताया कि राजस्थान संपर्क पोर्टल पर भी समस्या को लेकर तीन-तीन बार शिकायत दर्ज कराई, लेकिन इन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पहली बार ३१ मार्च, दूसरी बार १५ अप्रेल व तीसरी बार ३१ अप्रैल को शिकायत की थी।