
उदयपुर. जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि सिकल सेल उन्मूलन के लिए जनजागृति और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।
वे बुधवार सुबह महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय परिसर स्थित न्यू ऑडिटोरियम में आरएनटी मेडिकल कॉलेज और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सिकल सेल के तत्वावधान में विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। विशिष्ट अतिथि सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने कहा कि सिकल सेल का सर्वाधिक प्रभाव 0 से 40 वर्ष आयु वर्ग में है। बीमारी को समय पर नियंत्रित करना जरूरी है। ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने भी जनजागरूकता पर बल दिया। कार्यशाला में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के सहायक निदेशक सुधीर दवे, ब्लड सेल कॉर्डिनेटर डॉ मुकेश चौधरी, नेशनल एलायंस ऑफ सिकल सेल ऑर्गेनाइजेशन नेस्को के सचिव गौतम डोंगर, संयुक्त निदेशक चिकित्सा विभाग जेड ए काजी, सीएमएचओ डॉ शंकर बामणिया, महाराणा भूपाल अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरएल सुमन आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
प्रारंभ में आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य विपिन चंद्र माथुर, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एन सिकल सेल के नोडल अधिकारी डॉ लाखन पोसवाल सहित अन्य ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ पोसवाल ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना से लेकर अब तक की प्रगति से अवगत कराया। साथ ही सेंटर के लिए पृथक से भवन की आवश्यकता मंच के सम्मुख रखी। कार्यक्रम में दो मरीजों को सिकल सेल आईडी कार्ड भी वितरित किए गए। संचालन ललित किशोर पारगी ने किया। एनएचएम ब्लड सेल ऑफिसर गिरीश द्विवेदी समेत प्रदेश के 8 जिलों के चिकित्सक एवं कई विषय विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
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सेतु का शुभारंभ, प्रदेश भर में लागू कराने का होगा प्रयास
कार्यशाला के दौरान जनजाति मंत्री खराड़ी सहित अन्य अतिथियों ने आरएनटी मेडिकल कॉलेज के नवाचार सेतु रैपिड रेफरल रेड्रेसल सिस्टम के क्यूआर कोड पोस्टर का विमोचन करते हुए शुभारंभ किया। आरएनटी प्राचार्य डा.विपिन माथुर ने सेतु के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक अत्याधुनिक पहल है जो रोगियों को बेहतर और शीघ्र चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई है। अतिथियों ने इस प्रणाली को मानव जीवन बचाने में सहायक बताया। वहीं जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने कहा कि अमूमन किसी व्यक्ति विशेष को रेफर किए जाने की सूचना पर अस्पताल में व्यवस्थाएं की जाती हैं। सेतु प्रणाली से हर मरीज वीआईपी होगा। इससे मरीज के अस्पताल पहुंचने से पहले ही सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकेगी। इस प्रणाली को मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए प्रदेश के सभी अस्पतालों में लागू कराने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
Updated on:
20 Jun 2024 02:03 am
Published on:
20 Jun 2024 02:02 am
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