
कोरोन के नए मामले सामने आ रहे हैं।
भुवनेश पंड्या
उदयपुर. सरकार चाहती है कि कोई भी कोरोना मरीज अकारण काल का ग्रास नहीं बने। इसके लिए सरकार ने निर्देश दिए है कि जो भी कोरोना मरीज है उन्हें एग्रेसिव ट्रिटमेंट दिया जाएगा। यानी कोई भी मरीज सामने आता है तो उसके उपचार के लिए अर्ली स्टेज यानी शुरुआत में ही बेहतर उपचार दिया जाएगा। संक्रमण की प्रारंभिक अवस्था में ही समयबद्ध ंरूप से जरूरी चिकित्सकीय सुविधा व उपचार दिया जाएगा। इससे मरीज जल्द रिकवर हो जाएगा। ऐसे मरीज को नेगेटिव आने की स्थिति में उसे डिस्चार्ज किया जाना है ।
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पॉजिटिव मरीज को पहले देखेंगे फिर तय होगा यदि कोई मरीज पॉजिटिव है तो एसेम्प्टोमेटिक, मोडरेट और माइल्ड सेम्प्टम्स हो तो उसकी स्थिति का आंकलन करते हुए उसे होम आइसोलेशन व कोविड केयर सेंटर में रखा जाएगा।
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हर निजी हॉस्पिटल को बनाना होगा दो चिकित्सकों का बोर्ड कोरेाना के क्रिटिकल मरीजों के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रत्येक निजी संस्थान को कम से कम दो चिकित्सकों के बोर्ड बनाना होगा। बोर्ड द्वारा निर्धारित करने के बाद कोविड 19 क्रिटिकल मरीज जो डिस्चार्ज के योग्य है, ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन या संबंधित निजी चिकित्सालय से संबद्ध स्टेप डाउन फेसिलिटी में भर्ती करना होगा। प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने आदेश जारी किया है।
Published on:
07 Oct 2020 06:11 am
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