
इस धरा ने दिए 5 विधानसभा स्पीकर...
मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. विधानसभा अध्यक्ष के लिए कांग्रेस ने नाम तय कर लिया है। नाम है राजसमंद जिले की नाथद्वारा विधानसभा से आने वाले विधायक सीपी जोशी का। भले ही इस बार मेवाड़ से जीते उसकी सरकार बने वाला मिथक टूटा लेकिन मेवाड़ (उदयपुर- राजसमंद) ने एक नया मिथक बनाया कि अब तक विधानसभा में बने 15 अध्यक्षों में से सीपी पांचवे अध्यक्ष होंगे। सीपी के नाम की घोषणा के साथ ही एक खास बात यह है कि सीपी से पहले प्रोटेम स्पीकर भी उनके मित्र भाजपा के गुलाबचंद कटारिया बने, और कटारिया को ही विपक्ष के नेता के रूप में भाजपा ने चुना है। मेवाड़ से कांग्रेस ने मंत्री के रूप उदयलाल आंजना व अर्जुनलाल बामणिया को ही प्रतिनिधित्व दिया। बात उदयपुर व राजसमंद की करें तो दोनों जिलों से किसी को प्रतिनिधत्व नहीं मिला लेकिन नाथद्वारा से सीपी का नाम अध्यक्ष के लिए तय होने के बाद इस जिले के प्रतिनिधि को बड़ी जिम्मेदारी मिली है।
जानिए अब तक हमारे यहां से अध्यक्ष बनने वालों को
सीपी जोशी :
- कब : कांग्रेस ने पन्द्रहवी विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष के लिए सोमवार को सीपी जोशी के नाम का ऐलान किया है। वैसे अध्यक्ष का चुनाव बुधवार को होगा।
- वर्तमान स्थिति : नाथद्वारा से चुनाव जीतकर जयपुर पहुंचे सीपी, मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया, कार्यकर्ताओं को आस थी स्पीकर बनाएंगे।
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कैलाश मेघवाल
- कब : शाहपुरा विधानसभा से चुनाव जीतकर 22 जनवरी 2014 से विधानसभा अध्यक्ष रहे। मेघवाल का उदयपुर से नाता यह है कि वे मूल उदयपुर जिले की वल्लभनगर विधानसभा के मजावड़ा गांव से है और उदयपुर में भी निवास है।
- वर्तमान स्थिति : मेघवाल इस बार भी शाहपुरा विधानसभा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे है।
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शांतिलाल चपलोत
- कब : 7 अप्रेल 1995 से 18 मार्च 1998 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। चपलोत मावली विधानसभा जीतकर विधान सभा में पहुंचे थे।
- वर्तमान स्थिति : मावली से विधानसभा पहुंचे अभी चपलोत सक्रिय तो है लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया। अभी वे उदयपुर में वकालात कर रहे है।
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हीरालाल देवपुरा
- कब : 20 मार्च 1985 से 16 अक्टूबर 1985 विधानसभा अध्यक्ष रहे। वे इससे पहले 23 फरवरी 1985 से 10 मार्च 1985 तक मुख्यमंत्री भी रहे।
- वर्तमान स्थिति : देवपुरा का 2004 में निधन हो गया था।
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निरंजननाथ आचार्य
- कब : आचार्य 3 मई 1967 से 20 मार्च 1972 तक विधानसभा अध्यक्ष पद पर रहे। वे उदयपुर की मावली विधानसभा से विधायक के रूप में जीते थे।
- वर्तमान स्थिति : आचार्य का निधन हो चुका है।
एक वोट से हारे सीपी सीएम की दौड़ में थे
राजसमंद के कुंवारिया गांव में जन्मे सीपी एमएससी, एमए, पीएचडी, एलएलबी शिक्षा प्राप्त है और वे सुखाडिय़ा विवि में पढ़ाते थे। वे १९८० को पहली बार नाथद्वारा से विधायक बने, उसके बाद १९८५ को दोबारा विधायक बने। १९९३ के चुनाव में उनका टिकट कट गया। फिर १९९८ में और २००३ में भी विधायक चुने गए। २००८ के विधानसभा चुनाव में प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस में बरसों तक फॉलोअर रहे स्व. कल्याण सिंह चौहान (भाजपा) से एक मत से पराजित हो गए, तब सीपी प्रदेश में सीएम की दौड़ में थे। अभी २०१८ के चुनाव में दस साल बाद नाथद्वारा से चुनाव लडक़र विधायक चुने गए।
Published on:
15 Jan 2019 08:57 am
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