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पत्नी-बच्चों को भरण-पोषण नहीं देना इस शख्स को पड़ा महंगा, अदालत ने सुनाई ये सजा

उदयपुर. दहेज प्रताडऩा के विचाराधीन मामले में पत्नी और बच्चों को भरण-पोषण राशि का भुगतान चुकाने में अनदेखी करना आरोपित पति के लिए महंगा साबित हुआ।

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Dowry torture and Maintenance case in udaipur

उदयपुर . दहेज प्रताडऩा के विचाराधीन मामले में पत्नी और बच्चों को भरण-पोषण राशि का भुगतान चुकाने में अनदेखी करना आरोपित पति के लिए महंगा साबित हुआ। अदालती आदेश की अवहेलना मानते हुए सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने आरोपित पति को एक माह कारावास की सजा सुनाई। प्रकरण के अनुसार शीला कुम्हार ने मुड़वास, बडग़ांव निवासी उसके पति मोहनलाल प्रजापत के खिलाफ दहेज प्रताडऩा का वाद अदालत में दर्ज करवाया था।

इस बीच घरेलू हिंसा अधिनियम में दायर परिवाद पर सुनवाई के दौरान 10 जुलाई 2008 को अदालत ने आरोपित को भरण-पोषण के नाम पर पत्नी को 8 सौ और लडक़े व लडक़ी को 5-5 सौ रुपए मासिक चुकाने के आदेश दिए थे। इस बीच आरोपित ने 1 जून 2014 से 31 जुलाई 2015 तथा 1 जून 2015 से 31 मई 2016 के बीच क्रमश: 21,600 व 25,200 रुपए का भुगतान नहीं किया। मामले में पीडि़ता के दायर परिवाद पर सुनवाई कर अदालत ने पति मोहनलाल को एक माह कारावास की सजा सुनाई।

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झोलाछाप की जमानत फिर खारिज
उदयपुर. गलत इलाज से बुजुर्ग की मौत के मामले में गिरफ्तार झोलाछाप डॉक्टर की ओर से पेश जमानत अर्जी जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने लगातार दूसरी बार खारिज कर दी। 7 अक्टूबर 2017 को सायरा थाने में मानसिंह की ओर से दर्ज रिपोर्ट के बाद पुलिस ने आरोपित सुल्तानपुर, पश्चिम बंगाल निवासी प्रदीप सरकार को गिरफ्तार किया था। प्रार्थी मानसिंह का आरोप है कि उसके दादा हरिसिंह राजपूत की तबीयत खराब होने पर वह आरोपित के पास उपचार के लिए ले गए थे।

बोतल चढ़ाने एवं इंजेक्शन लगाने के बाद आरोपित ने उसके दादा को घर ले जाने को कहा। घर जाते ही उसके दादा की तबीयत एकाएक बिगड़ गई और कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई। इससे पहले 10 अक्टूबर को आरोपित की जमानत खारिज हो चुकी है। पुलिस की ओर से चालान पेश होने के बाद भी पीएम रिपोर्ट के अभाव में अदालत ने सख्ती दिखाई।