
तैरने से पहले ही समुद्र किनारे पत्थर से टकरा मुड़ गया था गौरवी का पैर, जेली फिश बनती रही बाधा
भुवनेश पण्ड्या
उदयपुर. वह तैरने को तैयार खड़ी थी। मन में था कि अब वह तैराकी के हुनर से दुनिया भर में देश का नाम रोशन कर साबित करेगी कि भारतीय किसी से कम नहीं। वह पल आ गया, जब समुद्र के किनारे से उसे इंग्लिश चैनल में उतरना था। समुद्र की चढ़ती उतरती हिलौरों का घंटों तक सामना करना था। लेकिन, जैसे ही आगे बढ़ी तो अंधेरे में उसका एक पैर पत्थर से टकराकर मुड़ गया। पैर में तेज दर्द हुआ, लेकिन असहनीय यह दर्द भी उसके हौसले को डगमगा नहीं सका। ये कहानी है इंग्लिश चैनल पार कर रिकॉर्ड बनाने वाली युवा तैराक गौरवी सिंघवी की। चुनौतियों के बीच मिली सफलता के बीते लम्हों को साझा करते हुए गौरवी ने कहा कि चोट के बावजूद वह हिम्मत जुटाकर लहरों का सामना करने लगी। त्वरित गति से आगे बढ़ते हुए उसने एनर्जी ड्रिंक कारबोहाइट्रेट पावडर कुछ ज्यादा ही पी लिया। करीब छह घंटे यानी आधा सफर पूरा करने के साथ ही उसके पेट में तेज दर्द शुरू हुआ। उसे उल्टियां शुरू हुई जो करीब दो घंटे तक होती रही। इसके बाद भी उसने तैरना नहीं छोड़ा। ताकत से आगे बढ़ती रही। गौरतलब है गौरवी बुधवार को उदयपुर पहुंची है। परिजनों, साथियों और तैराकों ने उसका डबोक एयरपोर्ट पर स्वागत किया। हमेशा रहता है ट्रेफिकविशेष बातचीत में गौरवी ने कहा कि इंग्लिश चैनल में हमेशा टे्रफिक रहता है। बडे़-बडे़ जहाज आने जाने से वहां पर समुद्र की धाराएं तेज रहती हैं। ऐसे में जहाज गुजरने के बाद पेंदे का पानी ऊपर आ जाता है, जो बेहद ठंडा होता है। इतने ठंडे पानी में १३ घंटे तक तैरना आसान नहीं। करीब १४ से १५ डिग्री तापमान में पेट दर्द को दूर करने व उल्टियों को रोकने के लिए उसे चाय पिलाई गई तो करीब दो घंटे बाद वह सामान्य हुई। आखिरी के दो घंटे का सफर उसका सबसे तेज सफर था। उसके साथ जो नाव चल रही थी, उसमें आठ लोग सवार थे।बाधा बनी जेली फिशतैरने के दौरान कई बार जेलीफिश राह काटती रही। मन में डर था, लेकिन फिश पर बिना ध्यान दिए वह लक्ष्य की ओर बढ़ती रही। मेहनत देख से ईश्वर ने भी उसकी राह आसान कर दी। गौरवी ने बताया कि जब उसने ये रिकॉर्ड कायम किया तो रात भर थकान व शरीर में दर्द के कारण उसे नींद नहीं आई। दूसरे दिन वह दस घंटे तक सोती रही।आशीर्वाद से उपलब्धिगौरवी हाल में इंग्लिश चैनल पार करने वाली दुनिया की सबसे युवा तैराक बनी है। १६ वर्ष की जलपरी गौरवी सिंघवी ने जीत का श्रेय कठिन परिश्रम के घर के सभी बड़ों, मां शुभ सिंघवी, पिता अभिषेक सिंघवी व प्रशिक्षक महेश पालीवाल को दिया। ये है इंग्लिश चैनललंदन के डोवर से फ्र ांस तक का करीब ४० किलोमीटर समुद्री हिस्सा गौरवी ने पार किया। इसे ही इंग्लिश चैनल कहा जाता है। 13 घंटे 2६ मिनट तक तैराकी कर गौरवी ने ये सफलता अर्जित की। इंग्लिश चैनल फ्रांसीसी स्लीव, अटलांटिक महासागर की एक शाखा है, जो ब्रिटेन को उत्तरी फ्र ांस से अलग करती है। उत्तरी सागर को अटलांटिक से जोड़ती है। यह तकरीबन 560 किमी लंबी और 240 किलोमीटर चौड़ी है। यूरोप के महाद्विपीय शेल्फ के आसपास के उथले समुद्रों में सबसे छोटा है, जिसमें तकरीबन 75 हजार किलोमीटर का क्षेत्र शामिल है।ये भी है उपलब्धिलेकसिटी की इस होनहार जलपरी के इस करिश्माई रिकॉर्ड बनाने से पहले गत वर्ष अरब सागर में पहले जुहू बीच से गेट-वे ऑफ इंडिया तक ओपन स्वीमिंग कर ४७ किलोमीटर का समुद्री सफर तय किया था। इसके लिए गौरवी ने ९ घंटे २२ मिनट में यह दूरी तय की थी। गौरवी ख्यात टे-डेक्स टॉक में उसकी कहानी साझा कर चुकी है।
Published on:
28 Sept 2019 05:38 pm
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