
एक्सईएन व एईएन से मांगा स्पष्टीकरण
डॉ. सुशीलसिंह चौहान/ उदयपुर. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नवनिर्मित कैलाशपुरी-रामा (13 किलोमीटर) सड़क में बरती गई खामियों को लेकर मंगलवार को लोक निर्माण विभाग ने सख्ती दिखाते हुए अधिशासी अभियंता ग्रामीण व सहायक अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है। राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए अधीक्षण अभियंता दिवाकर भट्ट ने ये नोटिस जारी किए। इससे पहले मौखिक तौर पर सबंधित अधिकारियों की अच्छी खासी क्लास भी ली गई। विभागीय जानकारी के हिसाब से दोनों ही अभियंताओं से मामले में वस्तु स्थिति रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही व्यवस्था सुधार कर जानकारी उपलब्ध कराने की बात भी कही। संभावना है कि अधीक्षण अभियंता खुद भी निर्माण में बरती गई कोताही को लेकर बुधवार को संबंधित सड़क का निरीक्षण कर सकते हैं। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने २६ फरवरी के अंक में 'ठेकेदार लगाता रहा चूना और अनदेखा करता रहा विभागÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर खामियों की ओर प्रशासनिक अमले का ध्यान आकर्षित किया था।
थर्ड पार्टी निरीक्षण पर सवाल
पीएमजीएसवाई में बीते सालों में हुए संशोधन के तहत 60 फीसदी रुपया प्रदेश सरकार का होता है, जबकि 40 फीसदी राशि केंद्र के सहयोग से प्राप्त होती है। केंद्र की ओर से लगे हुए रुपए को लेकर ही सड़क निर्माण के लिए थर्ड पार्टी के तौर पर क्वालिटी मोनिटर की व्यवस्था लागू है। यानी की इस पार्टी के निरीक्षण के बाद ही सड़क निर्माण की राशि जारी होती है। सवाल यह उठता है कि स्थानीय अभियंताओं के अलावा संवेदक की ओर से थर्ड पार्टी के निरीक्षण को लेकर भी चिंता नहीं थी। ऐसे में इस तरह के निरीक्षण को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं।
Published on:
27 Feb 2019 12:03 am
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