झाड़ोल. उदयपुर जिले की झाड़ोल तहसील में नैनबांरा ग्राम पंचायत का डागोल फला गांव। यहां के दो भाई विद्यालय भवन में ही शरण लिए हुए हैं। उम्र पढऩे की है, लेकिन इन्होंने जिंदगी की जद्दोजहद में स्कूल में शरण ली है। खाना भी इधर-उधर से मांग कर खा लेते हैं। ये कहानी है डागोल फला के 11 वर्षीय नारायण और 7 वर्षीय लोकेश की है। इनके पास किसी का सहारा नहीं। मां की हत्या के आरोप में पिता को जेल हो गई। तब से दोनों बच्चे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
डागोल फला निवासी नारायण और लोकेश की मां अम्बावी देवी की हत्या पिछले दिनों हो गई थी। पिता माधुलाल अहार पर ही हत्या का आरोप है। तब से वह जेल में है। नारायण ने बताया कि काका और अन्य रिश्तेदारों ने बच्चों को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर दिया। दोनों भाई दो माह से भटक रहे हैं। पालियाखेड़ा गांव में स्कूल के बरामदे में ही रात गुजारते हैं। दिनभर खाने के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि पालियाखेड़ा के आदिवासी समाज में १ माह तक विवाह के सीजन में दोनों भाई शादी वाले घरों पर ही रहते थे, वहीं खाते और सोते थे। अब विवाह का सीजन खत्म हो गया। दोनों भाई पालियाखेड़ा होटल पर थोड़ा बहुत नाश्ता कर, आस पास के घरों में जाकर खाना खाते हैं।