
उदयपुर . वर्ष 2017 में राजनीति सरगर्मियों का केन्द्र वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र का भींडर रहा, जहां वर्षभर होती रही उथल-पुथल का असर उदयपुर ही नहीं, राजधानी जयपुर तक में दिखा। राजनीति प्रभुत्व के लिए नगर पालिका एवं पंचायत समिति दोनों अविश्वास प्रस्ताव का हाई वोल्टेज ड्रामा चला। इसी विधानसभा क्षेत्र के कानोड़ को तहसील बनाने को लेकर आंदोलन ने राजनीतिक वजूद के लिए खूब रस्साकशी करवाई। उदयपुर शहर में राजनीति का केन्द्र नगर निगम बना रहा। महापौर से नाराजगी जब अपनों के इस्तीफे में तब्दील हुई तो गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने ‘ महापौर नहीं बदलेंगे’ का दो टूक बयान देकर सबको चुप कर दिया। भाजपा ने अगस्त में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उदयपुर में सभा करवा कर फिजा बदलने की बात कही तो कांग्रेस ने पूरे साल मेहनत की और उसके बड़े नेताओं सचिन पायलट , अशोक गहलोत , सीपी जोशी आदि ने समय-समय पर जनमानस की नब्ज टटोली। दूसरी ओर, दोनों प्रमुख राजनीतिक दल वर्षभर अंतर्कलह से जूझते रहे। इसी माह पंचायत राज के उपचुनाव में जिले के तीनों वार्डों में कांग्रेस ने जीत दर्ज कर भाजपा को सोचने को मजबूर कर दिया।
Updated on:
25 Dec 2017 02:33 pm
Published on:
25 Dec 2017 02:19 pm
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