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राजस्थान में क्या है मा योजना? 11 महीने में 84 हजार से अधिक मरीजों ने कराया उपचार, कैंसर के सबसे ज्यादा पेसेंट

राजस्थान में मा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में मरीजों का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। आरएनटी में 11 महीने में 84,707 मरीजों ने उपचार कराया और 94.42 करोड़ का क्लेम किया गया।

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Maa scheme in Rajasthan

Maa scheme in Rajasthan (Photo-AI)

उदयपुर: झीलों का शहर अब चिकित्सा सेवाओं में भी नई इबारत लिख रहा है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के अधीन आने वाले अस्पतालों में मुख्यमंत्री निशुल्क आयुष्मान यानी मा योजना ने ऐसी जान फूंकी कि ये अस्पताल अब राज्य में अपनी आर्थिक मजबूती और बेहतर सेवाओं के लिए मिसाल बन गए। अस्पतालों की आय इतनी बढ़ी है कि इन्हें अब सरकार पर कम निर्भर रहना पड़ रहा है।

अतिआधुनिक मशीनों की खरीदी, जांचों में तेजी और मरीजों के भरोसे में इजाफा लगातार बढ़ रहा है। आरएनटी प्रदेश के प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थानों में गिना जा रहा है। बस कमी है तो प्रशिक्षित स्टॉफ और तकनीकी कार्मिकों की, जो पूरी हो जाए तो ये अस्पताल निजी सेक्टर को सीधी टक्कर दे सकेंगे।

सरकारी अस्पताल की बढ़ी साख

आरएनटी के अधीन समस्त छह अस्पतालों में जनवरी से नवंबर तक 11 महीने में 84,707 मरीजों ने उपचार करवाया। इन मरीजों के लिए 26,506 पैकेज बुक हुए, जिनमें करीब 94.42 करोड़ का क्लेम किया। इन अस्पतालों में जनाना चिकित्सालय ने पूरे राजस्थान में सबसे अधिक राजस्व अर्जित किया।

गौरतलब है कि तत्कालीन सरकार ने 1 मई 2021 को मा योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत प्रति परिवार 25 लाख रुपए का वार्षिक स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध है। सरकार बदलने के बाद इस योजना का नाम मुख्यमंत्री निशुल्क आयुष्मान योजना का नाम दिया गया। इस योजना से आरएनटी के अधीन सभी अस्पतालों में उपचार के साथ-साथ प्रतिवर्ष आय में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है।

जनाना, कार्डियोलॉजी और कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज

आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष सबसे अधिक मरीज जनाना, कार्डियोलॉजी और कैंसर उपचार इकाइयों में आए। यह बताता है कि इन विभागों पर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों का सबसे अधिक भरोसा है।

अभी भी स्टॉफ की कमी चुनौती

अस्पताल में उपकरण, आय और सुविधाएं तो बढ़ गई, पर अभी भी प्रशिक्षित स्टॉफ और तकनीकी टीम की कमी आज भी सबसे बड़ा सवाल है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भर्ती प्रक्रिया हो जाए तो आरएनटी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल राज्य के सर्वश्रेष्ठ सरकारी संस्थान के रूप में स्थापित हो सकते हैं।

यह रही स्पष्ट और साफ-सुथरी सारणी:

आरएनटी के सभी अस्पतालों की स्थिति (वर्षवार मरीज व आय)

वर्षमरीजों की संख्याआय (करोड़ों में)
202119,37418.78
202273,21029.74
202391,170100.99
202498,334100.14
202584,70794.42

यह रही सिर्फ अस्पतालों की सूची: इन संस्थानों ने विशेषज्ञ उपचार, मॉनिटरिंग और समयबद्ध सेवाओं की बदौलत मरीजों का भरोसा लगातार बढ़ाया है।

  • महाराणा भूपाल हॉस्पिटल
  • सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
  • पन्नाधाय जनाना हॉस्पिटल
  • सेटेलाइट अस्पताल, हिरणमगरी
  • सेटेलाइट अस्पताल, चांदपोल
  • टीबी हॉस्पिटल
  • बड़ी बाल चिकित्सालय

मुख्यमंत्री निशुल्क आरोग्य योजना ने न सिर्फ आमजन के इलाज की चिंता दूर की, बल्कि सरकारी अस्पतालों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर दिया। सरकार के लगातार प्रयास से आरएनटी मेडिकल कॉलेज अब एक ऐसे बदलाव के दौर में है, जहां सरकारी अस्पताल उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित कर रहे हैं। उदयपुर राजस्थान का हेल्थकेयर हब बनने की ओर अग्रसर है।
-डॉ. विपिन माथुर, आरएनटी प्राचार्य