
उदयपुर . गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) ने जहां आम आदमी को खासा प्रभावित किया है, वहीं जीवन रक्षक खून भी अब इसकी चपेट में आया है। खून को सुरक्षित करने व जांच के उपकरण की खरीद महंगी होनेे से एक बार सरकार ने इसकी दर बढ़ाने के आदेश जारी किए लेकिन मौसमी बीमारियों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए एक बार इस पर रोक लगा दी थी। अब जनवरी 2018 में अब दो सौ रुपए बढ़ाकर 1250 रुपए लेने के आदेश जारी किए हैं। बता दें कि महाराणा भूपाल चिकित्सालय में भर्ती होने वाले मरीजों को हालांकि खून के बदले खून देने की व्यवस्था है। टेस्टिंग चार्ज के नाम से कटने वाली 1050 रुपए की पर्ची नि:शुल्क है। निजी क्षेत्र से आने वाले लोगों से यह राशि वसूल की जाती है। सात से आठ साल पहले यह दर 400 रुपए से शुरू हुई थी।
प्रतिदिन 55 यूनिट का लेन-देन : एमबी अस्पताल के ब्लड बैंक में प्रतिदिन 55 यूनिट खून का लेन-देन होता है। इनमें से 5 से 7 यूनिट खून निजी क्षेत्र से टेस्ंिटग के लिए आता है। फिलहाल अस्पताल में खून को सुरक्षित करने के सभी उपकरण हैं। इससे बेहतर बनाने के लिए मुख्यालय से नए उपकरणों की स्वीकृतियां जारी हो चुकी हैं।
पांच तरह की जांच पर चार्ज : ब्लड लेने के बाद एचआईवी, हेपेटाइस बी, हेपेटाइस सी, सिफलिस व मलेरिया की जांच करनी होती है। निजी क्षेत्र में आने वाले ब्लड की जांच के 1050 रुपए लिए जाते है। अब जनवरी में उसके 1250 रुपए लगेंगे। वर्तमान में सरकारी अस्पताल में 45 प्रतिशत खून रक्तदाताओं से आता है तो कुछ खून भर्ती मरीजों के परिजनों से लेकर आदान प्रदान किया जाता है।
खून के टेस्टिंग चार्ज मेंं जीएसटी के बारे में तो स्पष्ट नहीं कह सकते हैं। राजस्थान स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ने गत 26 व 28 अक्टूबर को जांच दर बढ़ाने के आदेश दिए थे। फिर जनवरी 2018 से बढ़ी दर लेने के लिए कहा है।
डॉ. संजय प्रकाश, विभागाध्यक्ष, ब्लड बैंक
जीएसटी के दायरे में आने के बाद कुछ पर दाम बढ़ाए गए हैं। ये आदेश 1 जनवरी 2018 से लागू होंगे।
डॉ.एस.एस.चौहान, निदेशक, राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी
Published on:
23 Nov 2017 06:38 pm
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