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PATRIKA IMPACT : बच्चों का दर्द जानकर पसीजे दिल, मदद को आगे आए लोग, पत्रिका ने उजागर की थी मासूमों की पीड़ा

माता-पिता के छोड़ जाने के बाद से बिना छत के घर में रहने को मजबूर बच्चे

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helpless children, nathdwara

उदयपुर . कनवा बस्ती, तेलियों का तालाब नाथद्वारा में रहने वाले दोनों मासूमों का दर्द जानकर बाल कल्याण समिति राजसमंद बच्चों की मदद के लिए आगे आई है। पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद बच्चों से मिलने और स्थिति देखने कनवा बस्ती पहुंची टीम ने बच्चों से बात कर उनकी मनोस्थिति समझी। साथ ही उनके घर के हालात भी देखे। बालकों की स्थिति देखते हुए टीम ने राज्य सरकार द्वारा विशेष पेंशन दिलवाने की पेशकश की है। गौरतलब है कि पत्रिका ने 3 दिसम्बर के अंक में ‘पहले माता-पिता का छूटा साथ, अब कहीं आशियाना भी छिन ना जाए’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जिसमें बच्चों की पीड़ा उजागर की गई थी। गुरुवार को दिनभर कई लोग बच्चों की मदद के लिए पत्रिका से संपर्क करते रहे। फिलहाल ये बच्चे ऐसे किसी भामाशाह की राह देख रहे हैं जिसकी मदद से इनके सिर पर घर की छत हो जाए।

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कॅरियर गाइडेंस कार्यशाला: आसान तरीके से समझाए टॉपिक्स
उदयपुर. कामयाबी के लिए एडवांस बनना होगा। टॉपिक्स को ऊंचे लेवल पर जाकर समझने से ही आईआईटी-जेईई मेन्स व एडवांस, आईजेएसओ, एनटीएसई, केवाईपीवाई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है। यह कहना है वाईब्रेंट एकेडमी व पाई की ओर से आयोजित कॅरियर गाइडेंस कार्यशाला में हिस्सा ले रहे विद्यार्थियों का।

स्टूडेंट्स की जुबानी
सेंट्रल एकेडमी स्कूल के 10वीं के विद्यार्थी मधुर मेहता ने बताया कि वर्कशॉप में एडवांस स्तर के टॉपिक्स को बेहद आसान तरीके से समझाया गया। समझ आ गया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए हमें पढ़ाई का स्तर कितना बढ़ाना है। सेंट्रल एकेडमी स्कूल के 10वीं के विद्यार्थी दीक्षांत दक ने बताया कि कार्यशाला में जिस तरह बताया जा रहा है उससे हमारी नींव मजबूत होगी, जो सफलता हासिल करने में मददगार होगी।