
गुजरात व मध्यप्रदेश में बॉर्डर पार मजदूरी के लिए अंचल के सीमावर्ती क्षेत्र से जाने वाले आदिवासी एवं गरीब तबके के लोग बिना फिटनेस व इंश्योरेंस की कई गाडिय़ों में सफर कर जान जोखिम में डाल रहे हैं। सबसे ज्यादा जीप, बसें व मिनी ट्रक है, जिनमें अनहोनी होने पर मुआवजा तक नहीं मिल सकता है। सर्वाधिक गाडिय़ां गुजरात रजिस्ट्रेशन की है, जिनकी संख्या 500 से पार है। वे बॉर्डर पार ओवरलोड होकर आदिवासी इलाके के झाड़ोल, कोटड़ा के 100 किलोमीटर के दायरे में दौड़ रही हैं।
अवैध रूप से दौडऩे वाले ओवरलोड अनफिट वाहन का पूर्व में रोडवेज बसों की संख्या ज्यादा होने पर किराया कम था, लेकिन रोडवेज की बसों के बंद होते ही किराया दोगुना कर दिया। वे 40 किलोमीटर के लिए 80 से 100 रुपए ले रहे हैं, जबकि रोडवेज बस का किराया 75 रुपए है। बसों की संख्या में कम होने से 15 सवारी की क्षमता वाली जीप में 30-35 से अधिक लोग बैठकर सफर करते हैं। अधिकांश वाहन राजस्थान के बाहरी राज्य गुजरात रजिस्ट्रेशन हैं, जिनकी धरपकड़ दोनों ही राज्यों पर नहीं होने से यह बॉर्डर के इलाकों में धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। जिला प्रशासन व परिवहन विभाग की लापरवाही से दौड़ रहे इन वाहनों में तो एक मामले में तो कोर्ट ने बिना फिटनेस पर वाहन मालिक को ही दोषी मानते हुए 14 मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने के आदेश दिए थे।
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अधिकांश हादसों में ये ही वाहन
आदिवासी बहुल इलाके में नियम विरुद्ध ओवरलोड वाहनों से ही ज्यादातर हादसे हुए हैं। बिना दस्तावेज वाले ये वाहन ओवरलोड पाए गए थे। कई बार इनकी जांच हुई तो पता चला कि ये वाहन फिट ही नहीं थे। इन वाहनों की स्थिति ऐसी थी कि सामान्य क्षमता अनुरूप सवारियां बिठाई तो भी यह अनियंत्रित हो जाए इसके बावजूद चालक लापरवाहीपूर्वक इन्हें ओवरलोड दौड़ाते हुए खुद व लोगों की जान को जोखिम डाल रहे हैं। अधिकांश वाहनों का फिटनेस व इंश्योरेंस नहीं है।
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जिले में इन मार्गों पर अवैध वाहन
. खेरवाड़ा, केसरियाजी, झाड़ोल, फलासिया
. कोटड़ा उपखंड क्षेत्र के विभिन्न मार्ग
. गुजरात राज्य की सीमा से सटे सभी मार्ग
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रजिस्ट्रेशन सिर्फ इतने ही वाहनों के
टैक्सी 26 हकीकत में 50 से अधिक
मैक्सी कैब 137 हकीकत में करीब 150 से अधिक
किराए के 700 वाहन हकीकत में 800 से अधिक वाहन
Published on:
22 Jan 2024 10:02 pm
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