12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Illegal License Case में उदयपुर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, राज्य में 500 से ज्यादा नगालैंड के फर्जी लाइसेंस, सरगना सहित तीन गिरफ्तार, देखें वीडियो

उदयपुर . नगालैंड के फर्जी लाइसेंस से हथियार रखने के मामले का भंडाफोड होने के बाद उदयपुर पुलिस ने मुख्य सरगना सहित तीन जनों को गिरफ्तार किया।

3 min read
Google source verification
उदयपुर

उदयपुर . नगालैंड के फर्जी लाइसेंस से हथियार रखने के मामले का भंडाफोड होने के बाद उदयपुर पुलिस ने मुख्य सरगना सहित तीन जनों को गिरफ्तार किया। मुख्य सरगना मूलत: चूरू निवासी होकर गत 40 वर्षों से नगालैंड का बड़ा उद्यमी व रसूखदार व्यक्ति है, जिसने अब तक राज्य में 500 से ज्यादा फर्जी लाइसेंस जारी करवाए। कई कुख्यात हिस्ट्रीशीटर व अपराधियों को भी ये लाइसेंस जारी हुए हैं।

पड़ताल में सर्वाधिक फर्जी लाइसेंस जयपुर , सीकर, बीकानेर व उसके आसपास के जिलों में जारी होने पाए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) सुधीर जोशी ने बताया कि अधिकतर आरोपित मार्बल एवं शराब कारोबार से जुड़े हैं। एक हिस्ट्रीशीटर लाइसेंसी तो नेता प्रतिपक्ष का करीबी भी बताया गया है। उदयपुर पुलिस ने सरकार व राज्य मुख्यालय को इसकी सूचना भी भिजवाई है। पुलिस ने उदयपुर संभाग के 11 जनों को भी नामजद कर उनके लाइसेंस जब्त किए हैं। उनके पास से 7 पिस्टल, 3 रिवाल्वर, एक बोर बंदूक व 110 कारतूस बरामद किए।


जोशी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में लालगढ़ तहसील के दीदासर (चूरू) हाल मथुरानगर चोपड़ावाड़ी गंगासर (बीकानेर) निवासी सरगना भंवरलाल पुत्र रामेश्वरलाल ओझा, दलाल त्रिलोकपुरा रानोली (सीकर) निवासी धर्मवीरसिंह शेखावत के अलावा उदयपुर के मार्बल उद्यमी ऋषभदेव निवासी अनंत कुमार पुत्र बंशीलाल कोठारी शामिल है।

यूं हुआ खुलासा
पुलिस को सूचना मिली कि डूंगरपुर निवासी विजय चौबीसा पिछले कुछ दिनों से सुखेर क्षेत्र में अपनी कार लेकर घूम रहा है, उसके पास उसके पास नगालैंड के फर्जी लाइसेंस व हथियार है। वह यहां उद्यमियों से सम्पर्क कर धर्मवीर के माध्यम से हथियार उपलब्ध करवा रहा है। सूचना पर पर पुलिस ने नाकाबंदी कर आरोपित विजय को कार सहित पकड़ा। पूछताछ में उसने शराब के धंधे के लिए लाइसेंस व पिस्टल धर्मवीर से तीन लाख रुपए में लेना बताया। पूछताछ में धर्मवीर द्वारा संभाग में सुरेन्द्र खत्री, धर्मेन्द्र तेली, राजू बसेर, हर्षी खन्ना, किशोर पटेल एवं पुष्पा मीणा को भी पैसा लेकर फर्जी लाइसेंस लेने की जानकारी आई। पुलिस ने सभी को लाकर पूछताछ के बाद उनके लाइसेंस व हथियार जब्त किए।

फर्जी लाइसेंसों का धडल्ले से उपयोग
फर्जी लाइसेंस को धारकों ने धड़ल्ले से काम में लिया। जयपुर बड़ी चौपड़ स्थित शिकार गन स्टोर से 309, राजस्थान गन हाउस जयपुर से 41 व सीकर गन स्टोर सीकर से 168 व्यक्तियों को नगालैंड के लाइसेंस से हथियार व कारतूस सप्लाई किए गए।

नगालैंड में कलक्टर कार्यालय तक सेंध

मुख्य आरोपित भंवरलाल ओझा वर्ष 1977 से नगालैंड में रह रहा है। वहां उसके पेट्रोल पंप व अन्य कार्य हैं। वह वर्ष 2014 से वहां दीमापुर जिले में ठेकेदारी का कार्य कर रहा है। ओझा ने पुलिस को बताया कि दीमापुर में कलक्ट्रेट में आने-जाने के दौरान संजय पांडे व गौखिय अंकल तथा उनके एजेंट उत्तम छेत्री, मोहम्मद सिराज से जान पहचान हो गई। ओझा ने उन्हें 70-80 हजार रुपए देकर फर्जी लाइसेंस बनवाए।

लाइसेंस में नगालैंड के फर्जी स्थायी, अस्थायी पता लिखवा कर फर्जीवाड़ा किया। दलाल धर्मवीर ने 3 से 4 लाख रुपए लेकर राज्य में कई लोगों के लाइसेंस बनवाए और भंवर को 1.20 या 1.30 लाख रुपए का भुगतान किया। भंवरलाल का कहना था कि वर्ष 2014 से 2016 की अवधि के बीच करीब 125 लाइसेंस जारी करवा चुका है।

READ MORE: उदयपुर में टूरिस्ट बूम: सज्जनगढ़ पर ढाई घंटे जाम, पर्यटकों से मिला इतना राजस्व, देखें वीडियो

बीकानेर तो फर्जी लाइसेंस का है गढ़

भंवरलाल ओझा व धर्मवीर शेखावत ने राजस्थान के कई आपराधिक प्रवृत्तियों एवं हिस्ट्रीशीटरों के नाम से भी फर्जी एवं रिटेनर हथियारों के लाइसेंस बनवाए। इनमें पुलिस ने अब तक बीकानेर जिले के जामसर निवासी ओमप्रकाश पुत्र दुर्गाराम जाट, सुभाषपुरा निवासी जावेद बसीर अहमद, पांचू निवासी रामचन्द्र पुत्र मोहनराम खेलरी, रामपुरा निवासी अमरजीत पुत्र बख्शीराम शर्मा, नयाशहर निवासी दीपक पुत्र मोहन लाल अरोडा हिस्ट्रीशीटर होकर उनके विरूद्ध कई संगीन प्रकरण दर्ज हैं।

इनके अलावा सुभाषपुरा निवासी मुबारक अली पुत्र नवाब खां, रोशनगढ़ चौराहा निवासी सुभाग पुत्र हनुताराम, बासी बरसीनर देशनोक निवासी श्रीराम, वार्ड नम्बर-3 नोखा मंडी निवासी अजीत पुत्र जयदलाल ओझा, रोडा रोड नोखा मंडी निवासी नंदकिशोर पुत्र उगनाराम सुथार, चुंगीचौकी श्यामसुन्दर पुत्र रामेश्वरलाल विश्नोई, माणकासर बज्जू निवासी जयसुखराम पुत्र हजारीराम, रणधीसर गजनेर निवासी काजी खां पुत्र मद्दू खां, व्यास कॉलोनी बीकानेर केशव पुत्र सीके शर्मा के खिलाफ भी प्रकरण हैं।

धर्मवीर सिंह शेखावत के रिश्तेदार शिप्रापथ जयपुर हाल एक्सिस बैंक मैनेजर विक्रमङ्क्षसह पुत्र बजरंग सिंह के विरूद्ध भी प्रकरण दर्ज होने के बावजूद लाइसेन्स बनवा दिया गया है।