
मनरेगा में 100 दिन पूरे करने वाले श्रमिकों की बढ़ी संख्या
उदयपुर/ गींगला. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना (मनरेगा) के तहत प्रत्येक जॉब कार्ड धारी परिवार को 100 दिन का रोजगार की गांरटी है, लेकिन गारंटी काम मांगने पर ही है। इसके लिए ग्राम पंचायत या पंचायत समिति से आवेदन फार्म 6 भर कर जमा करवाना होता है। ऐसे में बीते वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष 2018-19 में 100 दिन का रोजगार पूर्ण करने वालों की संख्या बढ़ी है। उदयपुर जिले में जहां 31 मार्च 2019 तक 38117 परिवारों ने 100 दिन का रोजगार पूर्ण किया वहीं कुराबड ब्लॉक भी श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के मामले में अछूता नहीं रहा। वित्तीय वर्ष में 1854 परिवारों ने 100-100 दिन क ा रोजगार पूरा किया, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष २०१७-१८ में कुराबड़ ब्लॉक की 24 ग्राम पंचायतों को मिलाकर 100 दिन पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या महज 681 ही थी। जिले की 17 पंचायत समितियों में कुल १४१६८ परिवारों ने ही 100 दिन पूरे किए। अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस वर्ष मानसून की बेरूखी से रोजगार की आस, काम मांगों अभियान का असर ही कहा जा सकेगा।
पहले 21-21 सौ नकद
गौरतलब है कि राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल वर्ष 2012- 2013 में 100 दिन पूरे करने वाले परिवारों को पारितोषिक के रूप में 21-21 सौ रुपए नकद चेक के माध्यम से दिए थे। केवल एक ही वर्ष ये प्रोत्साहन राशि मिली थी। इस बार फिर से सरकार से उम्मीद भी बंधीं थी। हालांकि, अधिक परिवारों को रोजगार मिलने से उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई।
फसल श्रमिक हुए महंगे
नरेगा में काम मांगते ही श्रमिकों को काम मिल जाने की सुविधा से क्षेत्र में फसल श्रमिकों की संख्या में गिरावट आई है। किसानों को फसल बुवाई, कटाई निकलवाई के दौरान मजदूरों को तलाशना समस्या के तौर पर सामने आ रही है। आलम यह है कि कमठाना पर भी मजदूर आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते हैं।
यूं मिलता है रोजगार व भुगतान
ग्राम पंचायत से काम करने वाले परिवार के नाम जॉब कार्ड जारी होता है। काम चाहने वाले श्रमिक को आवेदन फार्म 6 भरकर देना होता है। 15 दिवस में रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। रोजगार नहीं मिलने पर उनके लिए बेरोजगार भत्ता दिए जाने का प्रावधान है। इसके बाद मस्टररोल जारी कर स्वीकृत कार्य पर मजदूरों को लगाया जाता है। 15 दिन की अवधि होने पर तकनीकी अधिकारी की ओर से नाप लेकर एबी भरी जाती है। मस्टररोल पास कर ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया होती है। ग्रेवल सड़क, पुलिया निर्माण, वृक्षारोपण, चरागाह विकास, वाटर हार्वेस्टिंग कार्य, व्यक्तिगत भूमि विकास कार्य, समतलीकरण, टीन शेड, समतलीकरण, धोरा जैसे कार्य इसमें शामिल है।
एक नजर में 100 दिन के आंकड़े
वर्ष, उदयपुर, कुराबड़
2015-16, 24345, 1145
2016-17, 25529, 1074
2017-18, 14168, 0681
2018-19, 38117, 1854
ये पंचायतें रही अव्वल
कुराबड़ ब्लॉक में 24 ग्राम पंचायतें हैं। जगत ग्राम पंचायत में प्रतिवर्ष 100 दिन का रोजगार पूरा करने वाले श्रमिकों की संख्या अधिक रहती है। यहां करीब 11 सौ से अधिक श्रमिक पंजीकृत हैं। वर्ष 2018-19 में जगत में 451, वल्लभ में 275 , सोमाखेड़ा में 178 , चांसदा में 155, कोट में 101 व शिशवी में 100 परिवार 100 दिन पूर्ण करने वाले हैं, जबकि 9 ग्राम पंचायतों में तो आंकड़ा 25 तक ही पहुंचा। इनमें बेमला व बंबोरा में 2-2, बिछड़ी में 4, साकरोदा में 5, भालों का गुड़ा में 11, बोरी में 12, परमदा में 24, गुडली में 25 परिवार हंै, जिनके 100 दिन पूरे हुए। वर्ष २2017-18 में सर्वाधिक सोमाखेड़ा में 134, बम्बोरा में 89, जगत में 88, वर्ष 2016-17 में जगत 256, दांतीसर 109, वल्लभ में 80, सोमाखेड़ा 57 तथा वर्ष 2015-16 में जगत में 191, बम्बोरा में 136, सोमाखेड़ा में 114 परिवारों ने 100 दिन का रोजगार पूरा किया।
Published on:
02 May 2019 10:38 pm
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