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उदयपुर में डेंगू के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता, आंकड़ा पहुंचा 1000 पार

Udaipur News: शहर का कोई कोना ऐसा नहीं है जहां डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के मरीज न हो।

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उदयपुर।शहर में चारों तरफ सड़कों पर कचरा पसरा है तो गली मोहल्ले की नालियां गंदगी से अटी पड़ी है। सफाई के नाम पर डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण भी सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। गली मोहल्लों में समय पर टेपो नहीं पहुंच रहे तो लोग खाली भूखंडों पर सड़कों पर ही कूड़ा करकट डाल रहे हैं।

बाहरी वार्ड में नालियों की सफाई तो छोड़ो वहां कभी सडक़ों पर कचरा भी नहीं निकल रहा। अभी कई खाली भूखंड कूड़ा करकट के साथ ही बारिश के पानी से भरे पड़े हैं। कचरा निस्तारण में भी काफी घालमेल हो रही है, डंपिंग यार्ड में कचरों के ढेर के बीच मृत मवेशियों को खुले में डाला जा रहा है। साफ सफाई में इतनी लापरवाही से पूरा शहर ‘बीमार’ तो होगा ही।

अभी शहर का कोई कोना ऐसा नहीं है जहां डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के मरीज न हो। ये रोग ऐसे हैं जो साफ सफाई के अभाव व जल संग्रहण से पनपने वाले मच्छरों से फैलते है। अब तो हालात ऐसे होते जा रहे हैं कि प्रतिदिन 8 से 10 नए मरीज डेंगू के आ रहे हैं तो चिकनगुनिया व मलेरिया के दो से तीन मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।

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आंकड़ों पर नजर डालें तो डेंगू के कुल मरीजों की संया 950 पार हो चुकी है तो मलेरिया दोहरा शतक लगाने वाला है। चिकनगुनिया पिछले साल से काफी ज्यादा है। फॉगिंग का आंकड़ा भले ही सरकारी कागजों में दो से तीन बार बताया रहा है, लेकिन आज भी यूडीए क्षेत्र में यह मशीनें पहुंची ही नहीं है। चिकित्सकों का कहना है कि शहर में सफाई का यहीं आलम रहा तो निश्चित रूप से यह रोग और बढ़ेगा। चिकित्सा विभाग, प्रशासन ने लोगों को सावचेत रहने की अपील की।

बीमार हो रहे लोग, निगम रो रहा टेंडर का रोना

घर-घरलोग बीमार हो रहे हैं और निगम अभी भी तीन माह से टेंडर का रोना ही रो रहा है। यूडीए का काम हाथ में लेने के बाद निगम अब तक पटरी पर नहीं आ पाया। निगम के खुद 70 वार्डों के प्वाइंट से कचरा नहीं उठ पा रहा है। इसके पीछे कारणों को जाना तो पता चला कि वहां 1 अक्टूबर को प्वाइंट से कचरा उठाने का टेंडर भी खत्म हो गया है।

ऐसी स्थिति भी है कि निगम के कार्मिक कई प्वाइंट से कचरा नहीं उठा रहे हैं। इतना ही नहीं तीन माह से वे अब तक जोन 3 व 4 का टेंडर भी नहीं कर पाए। इसके चलते रामपुरा से लेकर भुवाणा, रघुनाथपुरा तक के हालात खराब है। इन बाहरी क्षेत्रों नालियों गंदगी से अटी पड़ी है। कचरा व गलियों में कचरा फैला पड़ा है। डोर-टू-डोर गलियों में वाहन ही नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति इन इलाकों में लोग लगातार बीमार हो रहे।

इनका कहना है...

साफ सफाई का अत्यंत अभाव है, कई लोगों गंदगी व भरी नालियों के फोटो भेज रहे हैं। हम निगम को बता रहे हैं। बाहरी क्षेत्र में कई खाली भूखंडों में पानी भरा है तो कई जगह कचरा पड़ा है। वहां मच्छर पनप रहे हैं, लोगों को सावचेती की अपील कर रहे हैं।
-डॉ. शंकर बामनिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

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