
रमाकांत कटारा/ उदयपुर . देश में प्रति व्यक्ति के हिसाब से जल उपलब्धता तेजी से घट रही है। वर्ष 1975 में हमारे पास प्रति व्यक्ति 3100 घन मीटर जल उपलब्ध था, जो 2025 में महज 1400 घन मीटर प्रति व्यक्ति रह जाएगा। जल की उपलब्धता के मामले में हम चीन और पाकिस्तान से भी पीछे होंगे। इस मामले में अमरीका सबसे अमीर राष्ट्र होगा।
जल संकट से जुड़ी यह भयावह तस्वीर उदयपुर के प्रो. बीपी शर्मा की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक 'पर्यावरण और हम ' में सामने आई है। पुस्तक में जल विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि 2050 में देश के 200 जिलों और 10 राज्यों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है। देश की वर्तमान जनसंख्या विश्व की कुल आबादी के 16 प्रतिशत के बराबर है, लेकिन विश्व के शुद्ध जलस्रोतों में सिर्फ 4 प्रतिशत ही हमारे पास हैं। भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हमें जल संरक्षण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से सामूहिक स्तर पर जुटना होगा।
यह है हमारी आज की जल शक्ति
विश्व में कुल 140 करोड़ घन किमी जल है। इसमें से करीब 3.7 करोड़ घन किमी जल ही शुद्ध है। जल का अधिकांश भाग धु्रवीय क्षेत्र या गहरे जलस्रोतों के रूप में है। भारत की वार्षिक
जल उपलब्धता 40 करोड़ हैक्टर मीटर है। हमें 7 से 10 करोड़ हैक्टर मीटर जल हिमपात से
प्राप्त होता है। बढ़ते तापमान से हिमालय के हिमनद पिघल रहे हैं। वैज्ञानिक आकलन के अनुसार 2035 तक हिमनद पूरी तरह भी पिघल सकते हैं। गंगा और यमुना जैसी सदाबहार नदियों में वर्षाकाल में भी सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
हालात अत्यंत चिंताजनक
भारत के पास सर्वाधिक 18.5 करोड़ हेक्टर कृषि योग्य भूमि है। 73 प्रतिशत जल कृषि में प्रयुक्त होता है। आधी से अधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। घटती प्रति व्यक्ति उपलब्धता अत्यंत चिंताजनक है।
प्रो. बीपी शर्मा, अर्थशास्त्री एवं राजनीतिक विश्लेषक

Published on:
07 Aug 2017 04:44 pm
बड़ी खबरें
View Allट्रेंडिंग
