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यहां नसबंदी कराने आई महिलाओं को फर्श पर लिटाया, विरोध पर मामले  ने तूल पकड़ा तो अधिकारियों ने बताई ये वजह

उदयपुर . नसबंदी शिविर में कड़ाके की सर्दी के बीच महिलाओं को फर्श पर लिटाने पर परिजनों के विरोध के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।

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jhadol chc nasbandi camp udaipur

उदयपुर . झाड़ोल (फ) के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मंगलवार को नसबंदी शिविर में कड़ाके की सर्दी के बीच महिलाओं को फर्श पर लिटाने पर परिजनों के विरोध के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। बाद में विभाग को आनन-फानन में दरी, गद्दे और कंबल की व्यवस्था करनी पड़ी। उच्चाधिकारियों ने मोर्चा संभालते हुए व्यवस्थाओं को लेकर कोताही के मामले में जांच कमेटी गठित की है। शिविर में सुविधाएं मुहैया करवाने के बजाय विभाग ने जमीन पर कंबल बिछाकर महिलाओं को गलियारे में सुला दिया था।

मामले के तूल पकडऩे पर उच्चाधिकारियों ने लापरवाही बरतने वाले स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई का भी आश्वासन दिया। दूसरी ओर, अधिकारियों ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि सीएचसी पर कुल 30 बेड की व्यवस्था है। ऐसे में नसबंदी वाले मामले में महिलाओं को फर्श पर सुलाना मजबूरी हो गई थी। ऑपरेशन के पूर्व कंबल पर सुलाकर महिलाओं को केवल इंजेक्शन लगाया गया था।

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जांच कमेटी गठित
मामला उजागर होने के बाद जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव टाक ने सीएचसी भवन में ही संचालित ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झाड़ोल के नाम कारण बताओ नोटिस जारी किया। मामले में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रागिनी अग्रवाल के निर्देशन में जांच कमेटी गठित कर तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए।


केवल इंजेक्शन लगाया
नसबंदी शिविर में एक प्रक्रिया के तहत ऑपरेशन से पहले लाभान्वितों को इंजेक्शन लगाया जाता है। इसलिए उन्हें कंबल पर लिटाया गया था। ऑपरेशन बाद उन्हें गद्दों पर शिफ्ट किया गया। आईपीडी अधिक थी। इसलिए बेड नहीं मिल सके।
डॉ. रागिनी अग्रवाल, एसीएमएचओ (परिवार कल्याण)


संक्रमण का संकट
हकीकत में सीएचसी झाड़ोल की अधिकतम मरीज बेड संख्या 30 है। वहां प्रतिमाह करीब 300 प्रसव होते हैं। ऐसे में आईपीडी अधिक होने के कारण सुबह के समय बेड मरीजों से भरे हुए थे। मजबूरी में विभाग ने ऑपरेशन पूर्व इंजेक्शन लगाने के लिए मरीजों को एक साथ जमीन पर बिछाए गए कंबलों पर सुला दिया। इसके बाद व्यवस्था सुधार किया।


तथ्यात्मक आंकड़े
सफल नसबंदी पर आम
महिला को 2200 रुपए की सरकारी मदद।
प्रसव के तुरंत बाद सफल नसबंदी पर 3000 रुपए की सरकारी सहायता।
पुरुष नसबंदी के आवेदक
को सफल ऑपरेशन के बाद 3000 रुपए।
प्रति मरीज चिकित्सक, नर्सेज, स्टाफ एवं सुविधाओं के नाम पर विभाग को कुल 35 सौ रुपए मिलते हैं।
नसबंदी शिविर से कुल 35 महिलाएं लाभान्वित।