
उदयपुर. छठे वेतन आयोग के अनुसार पेंशन रिवाइज करने के एवज में 16 साल पहले 600 रुपए की रिश्वत लेने वाले कनिष्ठ लिपिक को न्यायालय ने तीन वर्ष की कैद व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
परिवादी केतन कुमार जोशी ने गत 22 मई 2009 को कार्यालय ब्लाक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी पंचायत समिति भींडर के तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक पाटिया वल्लभनगर निवासी दशरथसिंह राठौड़ के खिलाफ 600 रुपए रिश्वत मांगने की एसीबी को शिकायत की। सत्यापन पुष्टि होने पर न्यायालय ने आरोपी कनिष्ठ लिपिक को राशि लेते हुए पकड़ा। आरोप पत्र पेश होने पर विशिष्ट लोक अभियोजक राजेश पारीक ने आवश्यक साक्ष्य व दस्तावेज भेजे। आरोप सिद्ध होने पर न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) संख्या-1 के पीठासीन अधिकारी मनीष अग्रवाल ने आरोपी को तीन साल की सजा सुनाई।
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यह था मामला
परिवादी ने रिपोर्ट में बताया कि उसके पिता चम्पालाल जोशी की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन उसकी माता गंगादेवी जोशी को मिल रही है। छठे वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुसार नए पेंशन एवं एरियर के निर्धारण के लिए निर्धारित दस्तावेज कनिष्ठ लिपिक दशरथसिंह को दिए थे, तो उसने इस काम के बदले उससे 600 सौ रुपए रिश्वत की राशि की मांग की तथा उसने यह भी कहा कि वह पेंशन ऑफिस से उपरोक्त कार्य करवा देगा। आज प्रात: उसकी रिश्तेदारी में मौत होने से वह अपने गांव में ही अंतिम यात्रा में गया हुआ था। वह अपना मोबाइल अपने घर ही छोड़ कर गया था। पीछे से करीब 10.30 बजे पर दशरथ सिहं ने लेंड लाइन से उसके मोबाइल पर उसके पुत्र से बातचीत की तो उसके पुत्र ने बता दिया था कि उसके पिता श्मशान यात्रा में गए हुए तो उन्होंने उसके पुत्र को कहा कि वे जब भी आए तो उसके मोबाइल पर बातचीत करे। वह जब घर गया तो उसके पुत्र ने उपरोक्त बात उसे बताई। परिवादी ने इसकी शिकायत एसीबी को कर दी, टीम ने उसे धर दबोचा।
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Published on:
18 Mar 2025 01:47 am
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