6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

उदयपुर में भूमाफिया सक्रिय, पहाड़ियों को छलनी कर काट रहे अवैध कॉलोनियां, होटल-रिसोर्ट भी बनने लगे

शहर व इसके आसपास के इलाकों में सक्रिय भूमाफिया पहाड़ियों को छलनी कर अवैध कॉलोनियां काट रहे हैं। कई जगह कृषि भूमि पर भूखंड बेच लोगों को ठगा जा रहा है। यह पूरा खेल राजनेताओं की शह और स्थानीय निकायों के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है।

2 min read
Google source verification
land_mafia_active_in_udaipur.jpg

मोहम्मद इलियास
पत्रिका न्यूज नेटवर्क/ उदयपुर । शहर व इसके आसपास के इलाकों में सक्रिय भूमाफिया पहाड़ियों को छलनी कर अवैध कॉलोनियां काट रहे हैं। कई जगह कृषि भूमि पर भूखंड बेच लोगों को ठगा जा रहा है। यह पूरा खेल राजनेताओं की शह और स्थानीय निकायों के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है। इससे एक ओर सरकार को राजस्व की चपत लग रही है, वहीं दूसरी ओर इन अवैध कॉलोनियों में भूखंड खरीदने वाले लोग परेशान हो रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से हाल ही में उदयपुर विकास प्राधिकरण(यूडीए) की घोषणा की गई है। यूआईटी ने मास्टर प्लान के तहत यूडीए में शामिल 136 गांवों में अपना काम भी शुरू नहीं किया, उससे पहले यहां जमीनों के दलाल पहुंच गए। उन्होंने औने-पौने दामों में कृषि भूमि को खरीद लिया। इसके अलावा इन गांवों की पहाड़ियों पर जेसीबी चला अवैध कॉलोनियां काट रहे हैं। कुछ पहाड़ियों पर तो होटल व रिसोर्ट बन रहे हैं तो कई पहाड़ियों के आसपास व कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां कट रही हैं। कई दलालों ने कृषि भूमि पर प्लॉट काट दिए। प्लानिंग में वे पार्क, धार्मिक स्थल से लेकर कई सभी सुविधाओं को दर्शा रहे हैं। सभी भूखंड बिक जाने के दलाल गायब हो जाते हैं। प्लानिंग में दर्शाई गई रोड छोटी हो जाती है तो सुविधाओं के लिए छोड़े गए भूखंड भी बिक जाते हैं।

इस तरह से चल रहा जमीनों का खेल
भूमाफिया कृषि भूमि को सस्ते दामों में खरीदते हैं ताकि रजिस्ट्री के दौरान स्टाम्प शुल्क कम लगे, जबकि आवासीय और व्यवसायिक उपयोग के लिए रजिस्ट्री कराने में ज्यादा स्टाम्प शुल्क जमा करना पड़ता है।
आसपास के क्षेत्र में खातेदारी पहाड़ को ढूंढकर दलाल उन पर निवेश करते हैं। बाद में उन्हें बाहरी निवेशकों को लोकेशन के अनुसार बेचते हैं।
कृषि भूमि को आवासीय या व्यावसायिक भूमि में परिवर्तन करवाने की प्रक्रिया धारा 90ए के तहत की जाती है। इसके तहत 90ए की प्रक्रिया करने वाली संस्था के नाम जमीन स्थानांतरित हो जाती है। उसके बाद पट्टा जारी होता है, लेकिन दलाल पहले कॉलोनियां काटते हैं। बाद में 90 ए की प्रक्रिया शुरू करते हैं। इसके लिए धन भी खरीदारों से ही जुटाते हैं।

यह भी पढ़ें : जाम में फंस रही ‘जिन्दगी’, धूल के गुबार ने बिगाड़ा स्वास्थ्य

इन इलाकों में सक्रिय भूमाफिया
नियमों के विपरीत अधिकतर अवैध कॉलोनियां शहर के चीरवा, पुरोहितों का तालाब, रामा, गोगुन्दा, इसवाल, पिंडवाड़ा हाईवे व उसके आसपास के गांव, देबारी, कानपुर, डाकनकोटड़ा, तितरड़ी, फांदा, उमरड़ा, झाड़ोल मार्ग, नाई, बूझड़ा, सीसारमा, उभेश्वर, बड़ी, वरड़ा, मदार, थूर, कविता, बडग़ांव आदि में कट रही हैं। सलूम्बर-जयसमंद मार्ग व पिंडवाड़ा हाईवे से लगते अलग-अलग गांव में दलालों ने कई जगह पहाड़ियों को छलनी कर कॉलोनियां काट दी गई हैं।


बड़ी खबरें

View All

उदयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग