
उदयपुर . पाठ्यपुस्तक मंडल में मध्य सत्र में लाखों किताबों के ढेर लगे हुए हैं। ये वे किताबें हैं जिन्हें जिले के पुस्तक विक्रेताओं ने ऑर्डर देने के बावजूद नहीं उठाई। हालात यह है कि मंडल अब तक जिले के 45 में से करीब 40 पुस्तक विक्रेताओं को नोटिस जारी कर चुका है, वहीं दो पुस्तक विक्रेताओं की अमानत राशि 10-10 हजार रुपए जब्त की है। इधर, इन किताबों की सार-संभाल मंडल के लिए भारी पड़ रही है। प्रति वर्ष 15 करोड़ रुपए की नि:शुल्क और करीब ढाई करोड़ रुपए की किताबाेें की बिक्री उदयपुर पाठ्यपुस्तक मंडल करता है। लाखों किताबों के बचने के कारण वितरण केन्द्र पर बिक्री श्रेणी की किताबों का ढेर लगा है। साथ ही मंडल को इनके भंडारण में दिक्कत हो रही है।
जिसने नहीं उठाई, उनका ब्योरा मांगा : राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल की सचिव नलिनी कठोतिया ने मुख्य प्रबन्धक से उन सभी पुस्तक विक्रेताओं का पूरा ब्योरा मांगा है। नोटिस की कार्रवाई के बाद अमानत राशि जमा करने की अभिशंसा के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रबंधकों को भी चेताया है कि सरकारी राशि का नुकसान नहीं कर उतनी ही पुस्तकों का मुद्रण करवाए, जितनी वास्तव में जरूरत हो। यदि पुस्तकें मंडल के पास बचती है, तो मंडल को आर्थिक नुकसान होता है और शेष पुस्तकें अन्य कार्य में नहीं ली जा सकती।
इनकी अमानत राशि जब्त की: उदयपुर बुक स्टोर और श्रीनाथ बुक स्टोर की दस-दस हजार रुपए की अमानत राशि जब्त करने की मंडल सचिव ने स्वीकृति दी है। व्यवस्थापक रामदयाल यादव ने बताया कि संबंधित फर्मों को नोटिस भेज दिए गए हैं।
40 को नोटिस-चेतावनी
मंडल से प्रतिवर्ष पहली से बारहवीं कक्षा की दोनों माध्यमों की पुस्तकें वितरित की जाती है। साथ ही निजी विक्रेताओं को बेची जाती हैं। इस बार जिन 40 पुस्तक विक्रेताओं को नोटिस जारी किया है, उन्हें चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में कभी पुस्तकें मांग के अनुरूप नहीं ली तो मंडल पंजीकरण अनुबंध की धारा नौ में कार्रवाई कर अमानत राशि जब्त कर लेगा।
Published on:
15 Jan 2018 07:55 pm
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