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ज्यादातर दवाइयां मिल रही डीडीसी पर, भर्ती मरीजों की जांच बेड पर तो नमूने और रिपोर्ट भी वहीं से

एमबी हॉस्पिटल फीडबैक में बोले लोग निरोगी राजस्थान के तहत आने वाले मरीजों का फीडबैक 4250 मरीजों का गूगल फॉर्म फीडबैक

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एमबी हॉस्पिटल फीडबैक में बोले लोग

एमबी हॉस्पिटल फीडबैक में बोले लोग

महाराणा भूपाल हॉस्पिटल अब अपने यहां उपचार के लिए आने वाले व भर्ती होने वाले मरीजों का लगातार फीडबैक ले रहा है। इसमें सामने आया कि कुछ दवाइयों को छोड़ ज्यादातर दवाइयां ना केवल डीडीसी पर उपलब्ध है, तो भर्ती मरीजों में से 99 फीसदी मरीजों को नि:शुल्क दवा बेड पर दी गई तो वहीं से नमूने भी लिए गए। अप्रेल, 2022 से राजस्थान में मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी सेवाएं शुरू होने के साथ ही एमबी प्रशासन ने गूगल फीडबैक फॉर्म भरवाने शुरू किए तो यह नतीजा सामने आया।

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यह एक मॉडल रूप- दवाइयों एवं जांचों की उपलब्धता को लेकर एमबी हॉस्पिटल राजस्थान का एक मॉडल अस्पताल बनकर उभरा है। इसे देखने के लिए राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों की टीम भी यहां पहुंची। इसी के क्रम में लगातार अस्पताल में मई से अभी तक आने वाले एवं भर्ती मरीजों का गूगल फॉर्म द्वारा फीडबैक लिया गया।

- कंट्रोल रूम से प्रतिदिन मरीजों से फोन कर 25 से 30 गूगल फॉर्म भरे जाते हैं, इनसे मरीज से विभिन्न जानकारियां प्राप्त की जाती है। अभी तक 4250 मरीजों का गूगल फॉर्म फीडबैक भरा गया। इसमें 636 आउटडोर एवं 3612 भर्ती मरीजों द्वारा भरे गए।- आउटडोर में अधिकतर दवाइयां डीडीसी पर उपलब्ध है। कुछ ही परसेंटेज में मरीजों को खरीदकर उपलब्ध कराई गई । इसी तरह भर्ती मरीजों में से 99 फीसदी मरीजों को निशुल्क दवा बेड साइड उपलब्ध करवाई गई एवं स्टाफ द्वारा बेहतर तरीके से समझाया गया।

- निशुल्क जांच के क्रम में भी 99 प्रतिशत मरीजों का सैंपल बेड साइड लिया गया एवं समय पर रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई। इसके लिए अस्पताल प्रशासन लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इन सेवाओं के लिए वार्ड में अतिरिक्त लैब असिस्टेंट की सेवाएं राउण्ड द क्लॉक ली जा रही है। कुल 31 डीडीसी द्वारा मरीजों को दवाइयां वितरित की गई, सात डी डी सी नवीन स्थापित की गई है।-

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फेक्ट फाइल- गूगल फीडबैकओपीडी- 636

दवाइयां- 88.2 प्रतिशत उपलब्ध - 9.1 प्रतिशत बाहर से मंगवाकर देते हैं

- 2.4 प्रतिशत अनुपलब्ध

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स्टाफ का व्यवहार- 84.3 प्रतिशत संतुष्टफार्मेसी- 15 प्रतिशत अच्छा

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आईपीडी - 3616

- 99.4 प्रतिशत बेड पर दवाइयां दी गई। - 99.6 प्रतिशत नर्सिंग स्टाफ व फार्मेसी

- 99.6 प्रतिशत मरीजों को समझाया गया जांच - 99.5 प्रतिशत नमूने बेड से लिए गए

- 98.1 प्रतिशत बेड पर रिपोर्ट दी गई।

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हमने यहां उपचाररत मरीजों से गूगल फार्म भरवाए थे। इसके अलावा अभी भी हमारा ये सर्वे जारी रहेगा, ताकि हम ये जान सके कि वास्तविक स्थिति क्या है, जो कमी है उसे हम दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल परिणाम बेहतर आए हैं।

डॉ. आरएल सुमन, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल